भारत में तेज़ी से सिमट रहे हैं ये ईसाई समुदाय

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टॉलीगंज होम, कोलकाता, 1981
लंदन में रहने वाले फ़ोटोग्राफ़र करण कपूर ने भारत में तेज़ी से ख़त्म हो रहे कुछ ईसाई समुदायों के अंदर झांकने की कोशिश की है.
ये ईसाई समुदाय तेज़ी से बदलते हुए समय के साथ अपनी पहचान बरक़रार रखने की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं.
कपूर ने एंग्लो-इंडियन समुदाय और गोवा के कैथोलिक संप्रदाय की ख़ूबियों पर अपने कैमरे को फ़ोकस किया है.
करण ख़ुद एंग्लो-इंडियन हैं. वे अपने समय के स्टार रहे शशि कपूर और '36 चौरंगी लेन' और 'जुनून' जैसी फ़िल्मों के ज़रिए अपनी छाप छोड़ने वाली अभिनेत्री जेनिफ़र कैंडल के बेटे हैं.
एंग्लो-इंडियन समुदाय को ब्रिटिश साम्राज्य की निशानी माना जाता है. वहीं गोवा के कैथोलिक पुर्तगाल की धरोहर को समेटने का दावा करते हैं.
करण की ज़्यादातर तस्वीरें 1980 और 1990 के दशक में ली गई थीं. वे लोग, चीजें और जगह इस तरह बदल चुकी हैं कि उन्हें अब पहचानना भी मुश्किल है.
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लवर्स लेन, भायखला, मुंबई
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अंधेरी, मुंबई, 1981
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मिस्टर कारपेंटर, टॉलीगंज, कोलकाता, 1981
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वॉयलेट, अंधेरी, मुंबई, 1982
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इमीलियानो का घर, लुतोलिम, गोवा, 1994
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लुतोलिम, गोवा के एक भोज में एक नेत्रहीन संगीतकार, 1994
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गोवा के एक भोज में युवा प्रतिभागी, 1994
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लुतोलिम, गोवा, 1994
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रैचल सेमिनरी, गोवा, 1994