'महाराष्ट्र के मराठा मोर्चा में दलित विरोधी स्वर'

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महाराष्ट्र में मराठा समुदाय का प्रदर्शन
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने लिखा है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की मूक रैलियां एक तरह से शक्ति प्रदर्शन का रूप लेती जा रही हैं जिनमें दलित विरोधी स्वर भी सुनाई पड़ रहे हैं.
अख़बार के मुताबिक दलित समुदाय 19 सितंबर को नांदेड़ की रैली में बलात्कार और कोपरडी की घटना के खिलाफ और मराठा समुदाय के समर्थन में शामिल हुआ था. लेकिन फिर वो पीछे हटने लगे.
एक के बाद एक हो रही रैलियों में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के ख़िलाफ़ भावना का एहसास होता है.
अख़बार लिखता है कि उदाहरण के लिए 21 सितंबर को सोलापुर की रैली में मराठा क्रांति मोर्चा ने सोशल मीडिया पर पूछा कि हर आधे किलोमीटर की दूरी पर दलितों को अंबेडकर जयंती का कार्यक्रम आयोजित करने की क्या ज़रूरत है?
इसी तरह अहमदनगर में एक मराठा कार्यकर्ता ने चौराहे की ओर इशारा करते हुए पूछा कि अंबेडकर के झंडे का क्या महत्व है?
अख़बार ने दलित कार्यकर्ताओं के हवाले से लिखा है कि अब दलित मराठा मोर्चा के जवाब में रैलियां करेंगे.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर है कि सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई.

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
टाइम्स ऑफ़ इंडिया लिखता है कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर भारत सख़्ती बरत सकता है. बैठक में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है कि खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते.
इस संधि के तहत 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और पांच अन्य नदियों के पानी का बंटवारा हुआ था.
बैठक में विदेश सचिव एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा भी मौजूद थे.
उड़ी चरमपंथी हमले में 18 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान को मुनासिब जवाब देने के विकल्पों पर विचार करने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी.

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भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
हिन्दुस्तान टाइम्स अख़बार ने लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कहा- ''हमें अपने मतभेद भुलाकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा."
विदेश मंत्री ने अपने भाषण में बलूचिस्तान का मुद्दा भी उठाया.
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर तीखा प्रहार करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि जो लोग दूसरों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि शीशे के घरों में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते.
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