मसूद अज़हर पर चीन का फिर वीटो

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ चीन ने एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र में चरमपंथी घोषित करने पर छह और महीनों के लिए वीटो कर दिया है.
पीटीआई के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने एक बयान में कहा, "चीन का हमेशा यह मानना रहा है कि 1267 प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए निष्पक्षता और व्यावसायिकता के साथ, ठोस सबूतों के आधार पर और सुरक्षा परिषद के सदस्यों की सर्वसम्मति से फैसले लिए जाएं."
चीन ने इससे पहले भी मार्च में मसूद अज़हर को चरमपंथियों की सूची में शामिल किए जाने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था.
इस वीटो की मियाद सोमवार को समाप्त हो रही थी.
मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाए जाने के लिए चीन के अलावा सुरक्षा परिषद के बाकी 14 सदस्य पहले ही हामी भर चुके हैं.
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1999 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मसूद अज़हर को इंडियन एयरलाइंस की अग़वा फ़्लाइट के यात्रियों के बदले रिहा किया था.
यदि चीन की ओर से इस प्रस्ताव पर फिर से वीटो नहीं किया गया होता तो मसूद अज़हर को चरमपंथी घोषित करने का प्रस्ताव स्वतः पारित हो जाता.
मूलतः तालिबान को प्रतिबंधित करने के लिए 1999 में गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की सूची में नाम आने पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं.
इनमें संपत्ति फ्रीज़ होना, यात्रा पर प्रतिबंध लगना और हथियारों की ख़रीद पर प्रतिबंध लगना भी शामिल हैं.
अल-क़ायदा के दिवंगत प्रमुख ओसामा बिन लादेन पर भी इसी के तहत प्रतिबंध लगाए गए थे.
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