बिसाहड़ा में हुआ रवि का अंतिम संस्कार

  • समीरात्मज मिश्र
  • बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

दो दिन तक चली लंबी जद्दोज़हद के बाद शुक्रवार देर शाम बिसाहड़ा गांव के लोग रवि के अंतिम संस्कार को राज़ी हुए और प्रशासन ने राहत की सांस ली. अंतिम संस्कार के समय बड़ी संख्या में लोग, पुलिसबल और प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे.

प्रशासन का दावा है कि रवि के परिवार वालों की जो मुख्य मांगें थीं वो मान ली गई हैं. इसके तहत रवि की एक साल की बेटी को सरकार आजीवन मुफ़्त शिक्षा की व्यवस्था कराएगी और परिवार वालों को बीस लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा.

गौतम बुद्ध नगर के ज़िलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने बीबीसी को बताया, "वैसे तो मामले की न्यायिक जांच चल ही रही है लेकिन यदि परिवार वाले लिखिततौर पर सीबीआई जांच की मांग करते हैं तो सरकार सीबीआई जांच की सिफ़ारिश करने को तैयार है."

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यूं तो रवि का शव पोस्टमॉर्टम के बाद बुधवार की शाम को ही आ गया था और तभी से बिसाहड़ा गांव छावनी में तब्दील हो चुका था लेकिन शुक्रवार को राजनीतिक नेताओं की आवाजाही से माहौल और गरम होने लगा. पहले केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पहुंचे और उसके बाद विधायक संगीत सोम.

संगीत सोम ने तो महापंचायत में पीड़ित परिजनों की मांगों को पूरा कराने का आश्वासन भी दिया. बिसाहड़ा गांव के लोगों की एक मांग यह भी थी अख़लाक़ के भाई जान मोहम्मद को गिरफ़्तार किया जाए. इस मांग पर भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव ने आश्वासन दिया गया कि यदि ठोस सबूत मिलते हैं तो गिरफ़्तारी में देरी नहीं होगी. एसएसपी ने रवि के परिजनों से भी इस मामले में सहयोग करने को कहा है.

लेकिन प्रशासन के इस समझौते से गांव वाले और रवि के परिजन संतुष्ट नहीं हैं.

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परिजनों की सबसे बड़ी मांग ये थी कि रवि के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए जैसा कि अख़लाक़ के परिवार को मिला था, लेकिन फ़िलहाल सरकार ने दस लाख रुपये देने की ही घोषणा की है. दस लाख रुपये डीएम ने स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करके दिलाने की घोषणा की है.

बिसाहड़ा गांव में ही रवि के पड़ोसी ओमप्रकाश कहते हैं कि उन लोगों को धरना ख़त्म करने और रवि का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव डाला गया. ओम प्रकाश ने बीबीसी को बताया, "ऐसा न करने पर पुलिस कार्रवाई करने की धमकी दी गई और कहा गया कि गोली भी चल सकती है. यहां तक कि एक हफ़्ते से धरने पर बैठी महिलाओं भी अनशन ज़बरन तुड़वा दिया गया और उन्हें सीधे अनशन पर से उठकर चले जाने को कहा गया."

अख़लाक़ हत्याकांड में ओमप्रकाश का बेटा भी उसी लुक्सर जेल में बंद है जहां रवि बंद थे. ओमप्रकाश का आरोप है कि जेल में रवि समेत चार लोगों को शारीरिक प्रताड़ना दी गई और इसीलिए ये लोग जेलर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.

फ़िलहाल जेलर भीमसेन मुकुंद का तबादला कर दिया गया है. लेकिन समझौते को लेकर रवि के परिवार वालों और बिसाहड़ा गांव में जिस तरह से असंतोष की आवाज़ सुनाई पड़ रही है, राजनीतिक नेताओं की जैसी दिलचस्पी दिख रही है, उसे देखते हुए यह कहना बड़ा मुश्किल है कि तनाव ख़त्म हो गया है.