इसराइली फौज़ी कार्रवाई क्यों याद आई मोदी को?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना की तुलना इसराइल से की है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बोलते हुए उन्होंने कहा, "आज पूरे देश में भारतीय सेना के पराक्रम की चर्चा है. कभी पहले सुनते थे कि इसराइल ने ऐसा किया, लेकिन देश ने देखा भारत की सेना भी किसी से कम नहीं है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जितना गौरव आज जो सेना में तैनात हैं, उन पर है, उतना ही गौरव हमें सेवानिवृत्त फ़ौजियों पर भी है.
हालांकि अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने हाल में किए गए 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' का सीधे तौर पर ज़िक्र नहीं किया.
लेकिन अब ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को इसराइली फौज़ी कार्रवाई की याद क्यों आई.
पश्चिमी एशिया मामलों के जानकार क़मर आग़ा का कहना है कि इसराइल के साथ सहयोग हमेशा से था लेकिन वो ढके छिपे शब्दों में होता था. प्रधानमंत्री की यात्रा को भी नज़रअंदाज किया जाता था लेकिन बीजेपी इससे आगे बढ़ चुकी है और देशों से अपने साफ साफ संबंध बताना चाहती है.
उनका कहना था, ''बीजेपी बताना चाहती है कि वो इसराइल को रोल मॉडल की तरह देखती है. उसने जो सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं वो समझते हैं कि भारत के लिए भी ठीक है. और अगर आप जनसंघ के दिनों से देखें, बीजेपी और जनसंघ सभी ने इसराइल की हमेशा तारीफ़ की है और इनकी राजनीतिक विचारधारा भी यही रही है कि इनके इसराइल से अच्छे संबंध होने चाहिए.''
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क़मर आग़ा का कहना है कि विदेश नीति में ये बदलाव पहले से ही आ रहा था . अब बीजेपी ने आकर इसे साफ कर दिया है.
उनका कहना है, ''ये शिफ्ट तो है लेकिन ये नियमित शिफ्ट था जो दस-पंद्रह साल से चला आ रहा था. इसराइल से जो आर्म्स डील हुई थी वो पहले हुई थी. यूपीए सरकार , काग्रेंस सरकार के दौरान बड़ी आर्म्स डील हुई थी. तो हम लागातार रिश्ते बढ़ते हुए देख रहे थे.''
क़मर आग़ा ने बताया, ''जब से सोवियत संघ टूटा , गृह युद्ध खत्म हुआ और ये रणनीतिक फैसला लिया गया कि पश्चिमी देशों से अच्छे संबंध हो ख़ासतौर पर अमरीका से. तो ये समझा गया कि अमरीका जाने का रास्ता इसराइल से होता है. पहले इसराइल जाने के लिए यहुद्दियों को हायर किया उसकी मदद से रिश्ते अच्छे हुए. इसकी दो वजह है कि एक तो जो यहुद्दी संगठन है वो पाकिस्तान की लॉबी को अमरीका में कमज़ोर करने में मदद करेंगे और दूसरा हिदुस्तान के रिश्ते अमरीका से बनाने में भी मदद करेंगे. तो एक बड़ी मदद भारत को इसराइल के ज़रिए मिली है.''
नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने वहां तीन विद्युत परियोजनाओं की शुरुआत की है.
जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदल सकती हैं.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर परिवार से एक व्यक्ति के फौज में जाने की परंपरा है.
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने सेवानिवृत सैनिकों से किया गया वन रैंक, वन पेंशन का वादा पूरा किया. इसकी पहली किस्त हमने चुका दी है."