पति और बेटे के बाद विधायक गिरफ़्तार
- नीरज सिन्हा
- रांची से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

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झारखंड में बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को गिरफ़्तार कर लिया गया है. हज़ारीबाग के पुलिस अधीक्षक भीनसेन टूटी ने इसकी पुष्टि की है. विधायक के ख़िलाफ़ सोमवार को गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया था.
उन्होंने बताया कि पिछले एक अक्तूबर को विधायक को बड़कागांव से गिरफ़्तार कर लाया जा रहा था, तब उग्र भीड़ ने उन्हें छुड़ा लिया था और पुलिस तथा अफ़सरों पर हमले किए गए थे.
इस बीच गिरफ़्तारी के बाद विधायक ने कहा है कि बीजेपी की सरकार से उनकी जान को ख़तरा है.
इससे पहले चार अक्तूबर को विधायक के पति और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ़्तार कर हज़ारीबाग जेल भेजा गया था. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक़ योगेंद्र साव भी उस घटना के सूत्रधार रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज है.
बड़कागांव में विस्थापन के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रही विधायक निर्मला देवी की गिरफ़्तारी के बाद एक अक्तूबर को हुई हिंसक झड़पों के बीच पुलिस की फायरिंग में चार लोग मारे गए थे. मारे गए लोगों में छात्र और मज़दूर थे. मृतकों के घर वालों ने पुलिस पर बेक़सूर लोगों पर गोली चलाने का आरोप लगाया था.
जबकि विधायक के बेटे अंकित राज को हज़ारीबाग की पुलिस ने 15 अक्तूबर को गिरफ़्तार कर हज़ारीबाग़ जेल भेजा है. पुलिस का कहना है कि विधायक के बेटे पर रंगदारी का एक मामला दर्ज था. उसी के तहत यह कार्रवाई की गई.
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बड़कागांव में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की कोल परियोजनाओं के लिए ज़मीन अधिग्रहित की जा रही है और बहुत से ग्रामीण अपनी ज़मीन देने के लिए तैयार नहीं हैं. इस वजह से लंबे समय से वहां टकराव की स्थिति बनी हुई है.
विधायक और उनके पति आंदोलन का नेतृत्व करते रहे हैं. इससे पहले भी विधायक निर्मला देवी और योगेंद्र साव को इन मामलों में गिरफ़्तार किया गया था.
योगेंद्र साव को नक्सलियों से कथित तौर पर सांठगांठ के आरोप में भी साल 2014 में गिरफ़्तार किया गया था. उससे पहले इन्हीं आरोपों की वजह से उन्हें सरकार से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. तब वे हेमंत सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री थे.
हाल ही में हज़ारीबाग़ प्रशासन ने छह महीने के लिए योगेंद्र साव को ज़िलाबदर कर दिया था, जिस पर बाद में उन्होंने अदालत से स्थगन आदेश ले लिया था.
इस बीच एक अक्तूबर को बड़कागांव पुलिस फायरिंग के विरोध में 19 अक्तूबर यानि बुधवार को विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने बड़कागांव में संकल्प रैली निकालने का फ़ैसला किया है. इसी मुद्दे पर 26 अक्तूबर को झारखंड बंद बुलाया गया है.