अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया
- समीरात्मज मिश्र
- लखनऊ से बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

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समाजवादी पार्टी में चल रहा वर्चस्व का संकट गहराता ही जा रहा है. रविवार की सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में विधायकों की बैठक हुई जिसके बाद शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की सूचना दी गई.
शिवपाल यादव के साथ चार और मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल से निकाला गया है. जिनके नाम हैं- अंबिका चौधरी, नारद राय, शादाब फातिमा, ओमप्रकाश सिंह और गायत्री प्रजापति.
शिवपाल यादव के पास सहकारिता मंत्रालय था और इससे पहले वो पीडब्ल्यूडी मंत्रालय भी संभाल चुके थे.
खबरों के अनुसार पार्टी के दोनों धड़ों का झगड़ा अब खुलकर सामने आ चुका है और अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को किनारा करने की ठान ली है.
शिवपाल यादव इससे पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके थे.
जानकारी के अनुसार शिवपाल यादव अपनी बर्खास्तगी के बाद पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे हैं.
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वर्चस्व के इस संकट के दौरान शुरू हुए 'लेटर बम' के ताज़ा प्रकरण में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव की चिट्ठी सार्वजनिक हुई है जो उन्होंने रविवार तड़के पार्टी के विधायकों के नाम जारी की है.
रामगोपाल ने यह चिट्ठी सुबह छह बजे मुंबई से लिखी है और इसमें सीधे तौर पर पार्टी में दो खेमों की चर्चा की गई है.
हालांकि सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी विधायकों की एक बैठक बुला रखी है.
रामगोपाल यादव ने अपने नाम वाले लेटर पैड पर हाथ से लिखे ख़त में साफ़तौर पर कहा है, "हम चाहते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व मे उत्तर प्रदेश मे समाजवादी सरकार बने लेकिन वे चाहते हैं कि हर हालत मे अखिलेश हारें."
रामगोपाल यादव ने आगे लिखा है, "हमारी सोच पॉजिटिव है, उनकी निगेटिव. माननीय मुख्यमंत्री के साथ वे लोग हैं जिन्होंने पार्टी के लिए खून बहाया, अपमान सहा. उधर वे लोग है जिन्होंने हजारों करोड़ रूपया कमाया, व्यभिचार किया और सत्ता का दुरूपयोग किया. जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं, बयानबाजी करते हैं."
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उन्होंने सभी विधायको को संबोधित करते हुए पत्र में स्पष्ट किया है कि उन्हें बहकावे में आने की जरूरत नहीं है और अखिलेश की रथ यात्रा को सभी लोग सफल बनाएं.
रामगोपाल यादव पहले भी एक पत्र लिख चुके हैं जिसे लेकर बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव बेहद ख़फ़ा थे.
वहीं पार्टी में चल रहे घमासान के बारे में कुछ दिन पहले पत्र लिखने वाले विधायक उदयवीर सिंह को शनिवार को ही पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया था. उदयवीर अखिलेश के काफ़ी क़रीबी माने जाते हैं.
पार्टी विधायकों की 24 अक्टूबर को होने वाली बैठक से ठीक पहले अखिलेश यादव का विधायकों के साथ रविवार को बैठक करना और उससे ठीक पहले रामगोपाल यादव का उन्हें ये पत्र लिखना काफी अहम माना जा रहा है.
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जानकार पहले से ही ये क़यास लगा रहे हैं कि इन दो दिनों में पार्टी में कुछ बड़ा फ़ैसला आ सकता है. जानकार ऐसी सभी गतिविधियां को किसी बड़े फ़ैसले की पृष्ठभूमि के रूप में देख रहे हैं.
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