नाबालिग़ों की हत्या पर पलटी छत्तीसगढ़ सरकार

  • आलोक प्रकाश पुतुल
  • रायपुर से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
दो नाबालिगों सोनकू राम और सोमड़ू का परिवार

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माओवाद प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर में 24 सितंबर को दो नाबालिग़ों सोनकू राम और सोमड़ू को पुलिस मुठभेड़ में मारने का दावा करने वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने अब कहा है कि दोनों की हत्या अज्ञात लोगों ने की थी.

मारे गये नाबालिग़ों के परिजनों की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि इस मामले में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.

याचिकाकर्ता के वकील सतीशचंद्र वर्मा ने कहा, "अदालत में हमने इस बारे में कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है कि पुलिस लगातार दावा करती रही है कि पुलिस के साथ मुठभेड़ में दोनों मारे गए हैं. पिछले एक महीने में पहली बार अदालत में सरकार यह सूचित कर रही है कि दोनों की हत्या अज्ञात लोगों ने की है और उनके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है."

इससे पहले पुलिस ने दोनों को माओवादी बताते हुए मुठभेड़ में मारने का दावा किया था.

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इसके अलावा मुठभेड़ के अगले ही दिन बस्तर के आईजी पुलिस शिवराम प्रसाद कल्लुरी और पुलिस अधीक्षक आरएन दाश ने इस कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को एक लाख रुपये का नक़द इनाम भी दिया था.

हालांकि मुठभेड़ के बाद गांव के लोगों और दूसरे राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने घर से ले जा कर दोनों नाबालिग़ों की हत्या की है.

आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी ने कहा था, "गड़दा गांव का रहने वाला मुरिया आदिवासी सोनकू राम अपने एक दोस्त सोमड़ू के साथ 23 सितंबर को अपनी बुआ के घर पहुंचा था. रात होने के कारण दोनों वहां रुक गये. सुबह चार बजे के आसपास सुरक्षाबलों की एक टीम पहुंची और दोनों किशोरों को अपने साथ लेकर चली गई."

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कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में विधायकों की एक जांच कमेटी बनाई, जिसने इस मुठभेड़ को फ़र्ज़ी बताया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संभागीय जांच समिति दल ने भी इसे फ़र्ज़ी मुठभेड़ बताया था.

माओवादियों के ख़िलाफ़ सलवा जुड़ूम अभियान चलाने वाले महेंद्र कर्मा की पत्नी और दंतेवाड़ा की विधायक देवती कर्मा ने इस मामले में पुलिस के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था.

मारे गये दोनों नाबालिगों के परिजनों और विधायक देवती कर्मा ने इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की और आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी उन्हें फंसाने की धमकी दे रहे हैं.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

इसके बाद पुलिस ने आरोप लगाया कि देवती कर्मा ने पीड़ित परिवार के लोगों को बंधक बना कर अपने घर में रखा है. साथ ही दूसरे परिजनों की शिकायत पर विधायक देवती कर्मा के ख़िलाफ़ पुलिस ने अपहरण का मामला भी दर्ज किया था.

गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने एक बयान में कहा है कि आज छत्तीसगढ़ पुलिस ने स्वीकार कर लिया है कि बस्तर के बारसूर के हितामेटा पोटाकेबिन में दो बच्चों की हत्या की गई थी, इनमें से एक स्कूल में पढ़ता था. ऐसे में इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.

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