नवाज़ शरीफ़ ने सूचना मंत्री को पद से हटाया
- आसिफ़ फ़ारूक़ी
- इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने अपने सूचना मंत्री परवेज़ रशीद को उनके पद से हटा दिया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि सूचना मंत्री को फ़िलहाल अपनी ज़िम्मेदारी छोड़ देने को कहा गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि छह अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक से संबंधित खबर छपने से राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ गई.
पाकिस्तानी अख़बार डॉन ने ख़बर दी थी कि इस बैठक में सेना और सरकार के बीच के मतभेद उभर कर सामने आए और सरकार ने सेना के अफ़सरों को खरी-खोटी सुनाई.
इसके बाद डॉन के पत्रकार सिरिल अलमीदा के विदेश जाने पर रोक लगा दी गई थी.
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बयान में कहा गया है कि अब तक की जांच से पता चला है कि यह घटना सूचना मंत्री की कोताही की वजह से हुई. इसीलिए उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया है.
सरकार एक जांच समिति का गठन कर रही है. इसमें आईएसआई, एमआई और आईबी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. इस समिति का उद्देश्य साफ तौर पर इस घटना के जिम्मेदारों की पहचान करना है.
इससे पहले, प्रधानमंत्री शरीफ़ के प्रवक्ता मसदक मलिक ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की खबर को लेकर होने वाली जाँच के बारे में गृह मंत्री चौधरी निसार जानकारी देंगे.
उन्होंने कहा कि परवेज़ रशीद को इस खबर का जिम्मेदार करार देना अभी जल्दबाजी होगी.
समझा जाता है कि सरकार ने सेना के दवाब में यह फ़ैसला लिया है. ख़बर छपने के अगले ही दिन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल राहील शरीफ़ ने प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात की थी.
उनका तर्क था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघन का मामला है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
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इसके बाद सेना के शीर्ष कमांडरों की एक बैठक हुई और उन्होंने भी कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के इस फ़ैसले से साफ़ है कि वह सेना के ज़बरदस्त दवाब में है. प्रधानमंत्री अपने ऊपर से दवाब हटाने के लिए अपने ही लोगों की क़ुर्बानी देने के लिए तैयार हैं.
दूसरी ओर, कुछ विश्लेषक यह मानते हैं कि सरकार जांच करवाकर पारदर्शिता से काम कर रही है. जो दोषी पाए जाएंगे, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.