जस्टिस काटजू को कोर्ट की अवमानना का नोटिस

सौम्या मर्डर केस में अपने ब्लॉग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करने वाले पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू को शुक्रवार को कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "ब्लॉग में दिया गया बयान जजों पर गंभीर हमला है, फैसले पर नहीं, इसलिए अवमानना नोटिस दिया जाता है."
कोर्ट के आदेश पर काटजू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के जज को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए, ये मुझे जज की तरफ से खतरे की तरह है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ब्लॉग में जजों के ख़िलाफ़ असंयमित भाषा का इस्तेमाल किया गया है.
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू को सौम्या मर्डर केस में अदालत में पेश होने को कहा था.
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जस्टिस काटजू ने अपने ब्लॉग में सौम्या हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी.
फरवरी 2011 को केरल में 23 साल की सौम्या के साथ रेप हुआ था. त्रिशूर स्थित फास्ट ट्रैक अदालत ने गोविंदास्वामी को मौत की सजा सुनाई थी.
केरल हाई कोर्ट ने भी उनकी मौत की सजा को बहाल रखा था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि गोविंदास्वामी का इरादा लड़की की हत्या का नहीं था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उसे हत्या का दोषी नहीं मानते हुए उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था.
जस्टिस काटजू ने 15 सितंबर को ब्लॉग में लिखा कि बैंच ने मान लिया कि सौम्या ट्रेन से कूदी थी ना कि गोविंदस्वामी ने उसे धक्का दिया था. उन्होंने लिखा, "लॉ कॉलेज का छात्र भी जानता है कि अफवाही सबूत अस्वीकार्य होते हैं."
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने पूर्व न्यायाधीश काटजू के ब्लॉग का स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्हें निजी तौर पर अदालत में पेश होने को कहा था.
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