माता-बहनों को डरने की ज़रूरत नहीं: मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट को बदल कर लाने के फैसले से आम लोगों को कोई कष्ट नहीं है. इससे केवल वो लोग परेशान हैं, जो बेईमान हैं. लेकिन उनके लिए कोई और चारा भी नहीं है.
प्रधानमंत्री सोमवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि देश से भ्रष्टाचार के खात्मे का केवल एक ही उपाय है, वह यह कि पांच सौ और एक हज़ार रुपए के नोटों को रद्दी में बदल दिया जाए.
उन्होंने कहा कि वो जानते हैं कि भ्रष्टाचार ख़त्म करने के इस काम में लोगों को थोड़ी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन वो लोगों की तकलीफ़ को कम करने के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का विरोध करने वाले लोगों से कहा कि वो सार्वजनिक तौर पर बताएं कि 500 और 1000 हजार रुपए के नोट चलने चाहिए या नहीं.
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अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए 19 महीने इमरजेंसी लगाकर पूरे देश को 19 महीने के लिए जेलखाना बना दिया था. लेकिन वो देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए केवल 50 दिन ही मांग रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फ़ैसले से माता-बहनों की डरने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उनकी बचत की कमाई पर कोई भी सरकारी अधिकारी नज़र नहीं डाल पाएगा. उन्होंने अपील की माताएं-बहने अपना पैसा बैंक खातों में डालें सरकार उसपर ब्याज भी देगी.
जनसभा में मौजूद लोगों से प्रधानमंत्री ने देश से भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए आशीर्वाद मांगा.