जयललिता: कौन चला रहा है पार्टी और सरकार?
- इक़बाल अहमद
- बीबीसी संवाददाता

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की हालत नाज़ुक बनी हुई है और वह चेन्नई के अपोलो अस्पताल में लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर हैं.
जयललिता पिछले सितंबर से ही अस्पताल में हैं. उनकी तबीयत बेहतर हुई थी जिसके बाद उन्हें आईसीयू से बाहर लाया गया था. लेकिन रविवार शाम को उनकी तबीयत दोबारा ख़राब हो गई और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
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ऐसे में ये सवाल उठना लाज़िमी है कि इस समय या फिर कहा जाए तो पिछले दो ढाई महीने से आख़िर तमिलनाडु सरकार कौन चला रहा है और उनकी पार्टी एआईएडीएमके या अन्नाद्रमुक से जुड़े फ़ैसले कौन करता है?
पार्टी में असमंजस की स्थिति सोमवार शाम को भी दिखी जब पार्टी मुख्यालय पर लगे झंडे को झुका दिया गया फिर थोड़ी देर बाद ख़बर आई कि झंडे को दोबारा ऊपर चढ़ा दिया गया है. झंडे का आधा झुका होना शोक का संकेत माना जाता है.
उनकी तबीयत के बारे में भी उनकी पार्टी या सरकार की तरफ़ से कोई औपचारिक ब्रीफ़िंग नहीं हो रही है. कभी कभार इतना संदेश बाहर आता है कि जयललिता की तबीयत अच्छी है और वह जल्द ही ठीक होकर बाहर आ जाएँगी.
लोगों को जो भी ख़बर मिलती है वो अपोलो अस्पताल की तरफ़ से जारी बयान से ही पता चलती है.
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पार्टी के ट्विटर अकाउंट पर भी अपोलो अस्पताल का वही मेडिकल बुलेटिन ट्वीट हो रहा है. उसके साथ कभी जयललिता के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना ट्वीट होती है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और जयललिता की कैबिनेट में वित्त मंत्री पनीरसेल्वम उनके सबसे क़रीबी माने जाते हैं.
वो विधानसभा में पार्टी के फ्लोर लीडर हैं और जयललिता के तमाम मंत्रालय के अतिरिक्त कार्यभार उनके पास हैं.
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तो क्या इस आधार पर ये कहा जा सकता है कि फ़िलहाल सारे फ़ैसले पनीरसेल्वम ले रहे हैं?
बीबीसी तमिल सेवा के संपादक थिरुमलइ मणिवन्नन कहते हैं, "ये कहना बिल्कुल ग़लत होगा कि इस समय पार्टी या सरकार की कमान पनीरसेल्वम के हाथों में है."
दूसरा नाम आता है जयललिता की दोस्त शशिकला का. जो उनके साथ रहती हैं और जब जयललिता अस्पताल में भर्ती हुईं तभी से वह जयललिता के साथ हैं और उनकी देखभाल कर रही हैं.
तो क्या इस समय फ़ैसले उनकी ओर से हो रहे हैं?
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तमिलनाडु और ख़ासकर अन्नाद्रमुक पार्टी पर नज़र रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शशिकला जो भी निर्देश देना चाहती हैं वो पार्टी कार्यकर्ता और सरकार के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिए जाते हैं.
कई राजनीतिक समीक्षक शशिकला को एक 'एक्सट्रा कॉन्सिट्यूश्नल पावर सेंटर' भी बताते हैं.
लेकिन न तो वह मीडिया से कभी बात करती हैं, न कभी लिखित कोई बयान जारी करती हैं.
बीबीसी तमिल सेवा के प्रमुख मणिवन्नन के मुताबिक़ शशिकला न तो पार्टी की प्राथमिक सदस्य हैं और न ही राज्य सरकार में किसी भी तरह से जुड़ी हुईं हैं.
तो आख़िर इसको कैसे समझा जाए कि इस समय कमान किसके पास है.
मणिवन्नन कहते हैं, "अन्नाद्रमुक सिर्फ़ और सिर्फ़ जयललिता के इशारों पर चलती हैं जिसे आप वन वूमन पार्टी कह सकते हैं."
तो फिर जब वह लगभग दो-ढाई महीने से बीमार हैं तो काम कैसे चल रहा है, इसका जवाब देते हुए मणिवन्नन कहते हैं, ''आप इसे इस तरह समझ सकते हैं कि तमिलनाडु सरकार और अन्नाद्रमुक पार्टी ऑटो-पायलट मोड पर काम करते हैं. ये जयललिता के नहीं रहने पर भी अपने आप चलते रहते हैं.''
अपोलो अस्पताल के ताज़ा बयान के मुताबिक़ डॉक्टरों की टीम उनको बचाने में लगी हुई है. इसलिए मणिवन्नन के मुताबिक़ जब तक उनकी तबीयत ठीक नहीं हो जाती है सरकार और पार्टी दोनों इसी तरह चलते रहेंगे.
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