चक्रवात 'वरदा' चेन्नई-नल्लोर में भारी बारिश की संभावना

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भारत के पश्चिम- उत्तर पश्चिम में स्थित चक्रवाती तूफ़ान वरदा चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर है और इसके सोमवार दोपहर चेन्नई और नेल्लोर के बीच भारतीय तट से टकराने की संभावना है.

चेन्नई के एरिया साईकलोन वार्निंग सेंटर के निदेशक डॉ एस बालाचंद्रन ने पत्रकार इमरान क़ुरैशी को बताया, "ये अब भी काफ़ी भीषण तूफ़ान है और इस समय चेन्नई के तट से 330 किलोमीटर दूर है. हो सकता है कि इसकी तीव्रता अब और न बढ़े."

हैदराबाद के मौसम विभाग के डॉ वाईके रेड्डी का कहना था कि संभवत: जब ये तूफ़ान चेन्नई के तट से गुज़रेगा तो इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा से घटकर 60-90 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

इमरान क़ुरैशी के मुताबिक, तमिलनाडु के श्रम विभाग ने निजी कंपनियों से कहा है कि वो कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, इविल्लिपुरम और चेन्नई में मुलाज़िमों को छुट्टी दे दें या फिर उन्हें घर से काम करने दें.

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तमिलनाडु के कई ज़िलों और आंध्र प्रदेश के नोल्लोर और चित्तूर ज़िलों में भारी बारिश के कारण स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीमें आंध्र प्रदेश में पांच जगह तैनात की गई हैं और तमिलनाडु में चार जगह तैनात की गई हैं.

इसके कारण बहुत तेज़ गति से हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्थानीय लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा है कि नौसेना का पूर्वी कमांड राहत और बचाव के लिए पूरी तरह तैयार है. विशाखापट्टनम और आरोकोणम में भी जहाज़ तैनात किए गए हैं.

इस बीच मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है और ओडिशा में भी बारिश और तेज़ हवाएं चलने की आशंका जताई गई है.

उधर भारी बारिश की वजह से अंडमान के दो द्वीपों में पांच दिसंबर से फंसे 2,376 सैलानियों को सात जहाज़ों और छह हेलिकॉप्टरों की मदद से निकाला गया है.

इनमें कई विदेशी सैलानी भी हैं. सरकारी चैनल डीडी न्यूज़ के मुताबिक़ ये बचाव अभियान नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक दल और अंडमान के स्थानीय प्रशासन ने मिलकर चलाया था.

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