कितना बदला है रेणु का अंचल पूर्णिया
- इयान वुलफ़ोर्ड
- चनका, पूर्णिया

इमेज स्रोत, Twitter/@iawoolford
पूर्णिया से मेरा जुड़ाव फणीश्वर नाथ रेणु की वजह से हुआ. पिछले 10 सालों से मैं लगातार यहां आ रहा हूं. हर बार हर कोई एक ही सवाल करता है कि रेणु का इलाक़ा कितना बदल गया है?
इस बार जब पूर्णिया ज़िले के चनका गांव आना हुआ है, तो लोग फिर से वही बात पूछ रहे हैं कि 'क्या बदलाव देख रहे हैं इयान भाई?'
दरअसल इस बार चनका रेसीडेंसी में 'गेस्ट राइटर' बनकर आया हूं. बिहार के गांव में रेसीडेंसी एक अनोखा प्रयोग है युवा किसान गिरिंद्रनाथ झा का.
इमेज स्रोत, @iawoolford
मैं 2005 में पहली बार बिहार आया था. फिर इसके बाद लगातार आता रहा हूं. बदलाव को लेकर सवालों से मैं अक्सर घिर जाता हूं.
फिर सोचता हूं कि क्या जवाब दूं? इस बार पूर्णिया यात्रा में देख रहा हूं कि लोगों में मानसिक बदलाव आया है. कुछ बदलाव जो दिख रहे हैं, मसलन सड़क, बिजली, शिक्षा वगैरह.
लेकिन सबसे बड़ी चीज़ जो मैं महसूस कर रहा हूं वो है लोगों की सोच में अंतर आया है. पहले बढ़ते अपराध की घटनाओं को लेकर, स्कूली शिक्षा को लेकर, कृषि में नए प्रयोग को लेकर सवाल किए जाते थे. इस बार देख रहा हूं कि सब कुछ में बदलाव आया है.
मुझे याद है कि जब अमरीका में पीएचडी करने के दौरान एक प्रोफ़ेसर ने मुझसे पूछा था, "रेणु के समय का पूर्णिया-अररिया और आज के पूर्णिया में तुमने क्या अंतर देखा?" दरअसल यह दौर ही सवालों का है.
हर किसी में बदलाव दिख रहा है, बिहार के किसान से लेकर अमरीका में हिंदी के प्रोफ़ेसर तक.
इमेज स्रोत, @iawoolford
बदलाव को लेकर मेरा मानना है कि यह सवाल केवल बिहार का नहीं है. यह सवाल वैश्विक है. हम ख़ुद से भी यही सवाल करते हैं. मैं आस्ट्रेलिया में रहता हूं लेकिन अमरीका का नागरिक हूं. पिछले 11 सालों में मैंने अपने देश में किस तरह के बदलाव देखे?
सच्चाई यह है कि आज इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है.
हाँ, हाल ही में अमरीका में भी बदलाव हुआ है, लेकिन यह किस तरह का बदलाव है? इसलिए इस बार पूर्णिया-बिहार की इस यात्रा में जब कोई मुझसे यह सवाल पूछता है कि इन दस सालों में आपने क्या बदलाव देखा तो मैंने तय किया है कि उनसे ही यही सवाल दोहराकर पूछूं कि आप बदलाव को लेकर सवाल क्यों पूछ रहे हैं?
आप एक वैश्विक नागरिक हैं. आपने भारत के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों में किस तरह का बदलाव देखा है?
(लेखक ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में हिंदी के प्रोफ़ेसर हैं.)
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)