मोदी की जीत के तीन साल

साल 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव के नतीजे आज ही के दिन यानी 16 मई को आए थे.
इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.
केंद्र में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को अबतक की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.
कुल 428 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 282 सीटों पर जीत मिली थी. उसे 31.34 फ़ीसदी वोट मिले थे.
वहीं 464 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली देश की सबसे वयोवृद्ध कांग्रेस पार्टी 44 सीटों पर सिमट गई थी.
भाजपा को सबसे बड़ी सफलता देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मिली थी, जहां उसनें 80 में से 71 सीटों पर जीत मिली थी.
भारतीय राजनीति में लंबे समय तक ये कहा जाता रहा है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है.
लेकिन बीच के कुछ सालों में दिल्ली में उन पार्टियों को भी सत्ता मिली जो उत्तर प्रदेश में पिछड़ रही थीं.
पर उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों ने पुरानी मान्यता को फिर से मजबूत कर दिया.
परिणाम आने के बाद चुनाव प्रचार अभियान में पार्टी का चेहरा रहे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
जब नतीजे आ रहे थे तो नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में अपनी माँ से मिलने गए थे. मां से मिलने से पहले उन्होंने ट्वीट किया, ''भारत की विजय. अच्छे दिन आने वाले हैं.''
नरेंद्र मोदी की मां ने उनके माथे पर तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया था. उनके आसपास कई बच्चे खड़े थे.
मोदी ने माँ के बगल में बैठकर कुछ देर उनसे बातचीत की थी.
इसके बाद वह माँ के पाँव छूकर वहां से निकल गए थे. उस समय उनकी माँ के घर के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम लगा हुआ था.
मोदी के घर से निकलते ही कार्यकर्ताओं और मीडिया ने उन्हें घेर लिया. लेकिन मोदी सिर्फ़ हाथ जोड़ते हुए आगे बढ़कर कार में जा बैठे.
चुनाव परिणामों और रुझानों के साथ-साथ राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का सिलसिला भी शुरू हो गया था.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था, "ये मतदान भ्रष्टाचार, कुशासन और परिवारवाद के ख़िलाफ़ है. हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा चुनाव कभी नहीं हुआ, सभी दलों को सभी नेताओं को इससे सबक़ लेना चाहिए."
वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता संजय झा ने बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत में माना था कि "पार्टी चुनाव प्रचार ठीक से नहीं कर पाई इसलिए ऐसा परिणाम सामने आया है."
भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर बताया था कि उन्होंने फ़ोन पर नरेंद्र मोदी को बधाई दी है और इसे 'लैंडस्लाइड जीत' कहा है.
उस समय आम आदमी पार्टी के नेता रहे योगेंद्र यादव ने बीबीसी से कहा था, "आम आदमी पार्टी की चिंता सीटें जीतने की नहीं है लेकिन हमारी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित हुई है जो बड़ी उपलब्धि है."
वहीं असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश कर दी थी.
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