नीतीश कुमार ने जनादेश को धोखा नहीं दिया: सुशील मोदी
'गठबंधन तो पहले ही टूट जाना चाहिए था'
नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन तोड़ दिया था.
इसके बाद उन्होंने फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन कर गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
बिहार के बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी से बीबीसी संवाददाता नितिन श्रीवास्तव ने नीतीश कुमार से हुए नए गठबंधन पर बातचीत की.
पेश है यहां सुशील कुमार मोदी से बातचीत के अंश:-
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15 दिनों से एक ही मांग थी कि मीडिया के सामने आकर सफाई दीजिए. अगर तेजस्वी यादव पर जो एफआईआर दर्ज हुआ है, उसका जवाब दे दिया होता तो फिर गठबंधन नहीं टूटता. ये गठबंधन तो पहले ही टूट जाना चाहिए था. इसे काफी समय लग गया टूटने में.
यह एक बेमेल गठबंधन था. एक असहज गठबंधन था जो सहज तरीके से टूट गया.
जनता का जनादेश भ्रष्टाचार के लिए नहीं था बल्कि साफ-सुथरी और सुशासन की सरकार के लिए था.
भ्रष्टाचार का आरोप
ऐसे लोगों को मंत्री बनाकर सरकार चलाने के लिए था जिन पर कोई आरोप ना हो. अगर मंत्री पर एक हज़ार करोड़ की बेमानी संपत्ती का आरोप है तो फिर ये तो जनादेश के साथ धोखा है.
इसलिए जनादेश के साथ धोखा बीजेपी के साथ आकर नहीं बल्कि जनादेश के साथ धोखा यह था कि आप ऐसे लोगों को मंत्री बना रखे हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार से समझौता किया है.
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जनादेश सुशासन के लिए था, भ्रष्टाचार मुक्त राज के लिए था और यह राजद के साथ रह कर पूरा नहीं किया जा सकता.
राहुल गांधी ने अगर तेजस्वी यादव का इस्तीफा करवा लिया होता तो फिर नीतीश कुमार के सामने यह स्थिति नहीं आती.
क्यों नहीं राहुल गांधी ने उनका इस्तीफा करवाया? क्यों नहीं सोनिया गांधी ने लालू को मना लिया कि अपने बेटे को हटा लीजिए और किसी दूसरे को बना दीजिए.
'अपना बोया काट रहे हैं'
परिवार के ही नौ लोग हैं. किसी और को बना देते उपमुख्यमंत्री. क्यों नहीं बनाया. इसलिए कहते है ना कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए.
तो जो आपने आज बोया उसको काट रहे हैं.
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हम लोगों ने बिहार में शराबबंदी का समर्थन किया था और नीतीश कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया. राजनीति अपनी जगह पर है लेकिन कोई सरकार अच्छा काम करती है तो उसको समर्थन और सहयोग मिलना चाहिए.
इसमें कोई राजनीति नहीं थी. नीतीश कुमार को लगा कि नोटबंदी से गरीब आदमी भी खुश है. आपने सर्वे में भी देखा होगा कि देश की अस्सी प्रतिशत जनता नोटबंदी के पक्ष है. नब्ज पर उनकी सही पकड़ थी.
उनको मालूम था कि बिहार और देश की जनता क्या चाहती है.
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