देश का पहला वोटर शायद इस बार न डाले वोट
- पंकज शर्मा
- किन्नौर से बीबीसी हिंदी के लिए

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श्याम सरन नेगी
कमज़ोर आंखें, बूढ़ा शरीर और लड़खड़ाते पांव, आज भी जज़्बे, जोश और जुनून की कहानी बयान करते है. श्याम सरन नेगी आज़ाद भारत के पहले और सबसे बुज़ुर्ग वोटर हैं. नेगी करीब 16 लोकसभा और 12 विधानसभा चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल कर चुके हैं.
करीब 100 बसंत पार कर चुके श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य अब बेहद कमज़ोर है लेकिन उनकी हिम्मत और हौसला अब भी बरक़रार है. ज़िला किन्नौर के कल्पा निवासी श्याम सरन नेगी की उम्र क़रीब 101 साल की हो चुकी है. शरीर मुश्किल से साथ दे रहा है.
श्याम सरन नेगी कहते है कि अगर उनकी सेहत ठीक रही तभी वो हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए वोट करेंगे.
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श्याम सरन नेगी (बीच में)
1951 में किया था मतदान
श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हिमाचल प्रदेश के कल्पा में हुआ. वह एक रिटायर्ड स्कूल मास्टर हैं. श्याम सरन नेगी ने 1951 में हुए स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सबसे पहला मतदान किया था.
1947 में ब्रिटिश राज के अंत के बाद देश के पहले चुनाव फरवरी 1952 में हुए लेकिन सर्दी के मौसम में भारी बर्फ़बारी की संभावनाओं की वजह से यहां के मतदाताओं को पांच महीने पहले ही वोट करने का मौका दिया गया था.
श्याम सरन नेगी ने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है और उन्हें भारत के सबसे पुराने और पहले मतदाता के रूप में जाना जाता है.
श्याम सरन नेगी ने हिमाचल प्रदेश के हर चुनावों में वोट दिया है. इस बार के विधानसभा के चुनाव में श्याम सरन नेगी के वोट डालने के लिए प्रशासन ने भव्य तैयारियां की हैं.
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सम्मानित होंगे नेगी
किन्नौर के ज़िलाधीश डॉ. नरेश कुमार लटठ् बताते हैं कि 9 नंवबर के मतदान के लिए श्याम सरन नेगी को प्रशासन के अधिकारी नेगी को घर से मतदान केंद्र तक लेकर आएंगे. इसके साथ-साथ उन्हें पारंपरिक टोपी, मफ़लर के साथ सम्मानित किया जाएगा.
श्याम सरन नेगी देश के मतदाताओं के लिए आज एक बड़ी मिसाल बन चुके हैं. गांव के लोग अक्सर नेगी का स्वास्थ्य पूछने आते हैं. लोग प्यार से उन्हें गुरूजी कहते हैं और उन्हें अपनी शान भी मानते हैं.
स्थानीय निवासी जगत नेगी बताते हैं कि आज श्याम सरन नेगी की वजह से उनका छोटे से गांव का नाम पूरे देश में मशहूर हो गया है जो गर्व की बात है. श्याम सरन नेगी के बेटे चंद्र प्रकाश नेगी बताते हैं कि इस उम्र में भी वह अपना काम ख़ुद करना पंसद करते हैं.
श्याम सरन नेगी को चुनाव आयोग ने अपना ब्रांड ऐम्बैसडर भी बनाया है. 2010 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने गांव आकर उन्हें सम्मानित किया था. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इस बार क़रीब 50 लाख मतदाता हैं.
श्याम सरन नेगी आज भी सभी लोगों से वोट डालने की अपील कर रहे हैं. उनका मानना है कि लोकतंत्र में जनता की ताक़त उनका वोट है.
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परिवार के साथ श्याम सरन नेगी
वोट की अहमियत बताते हैं
आंखें और कान भले ही श्याम सरण नेगी का साथ ना दें लेकिन देश की हर ख़बर पर अपनी नज़र वो रेडियो के ज़रिए रखते हैं.
पहले और आज के दौर में विकास और आसान सहूलियत का ज़िक्र करते हुए नेगी देश की तरक़्क़ी से तो ख़ुश हैं लेकिन भ्रष्टाचार को वो देश का सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं.
आज़ाद भारत के सबसे पहले और बुज़ुर्ग मतदाता श्याम सरन नेगी आज देश के उन करोड़ों लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो अपने वोट की अहमियत को नहीं पहचानते.
ग़ौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 7,521 पोलिंग स्टेशन पर 9 नवंबर 2017 को वोटिंग होगी. यहां पहली बार वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल होगा.
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