भारत ने क्यों नहीं आने दिया पाकिस्तानी थिएटर कलाकारों को?

  • सरोज सिंह
  • बीबीसी संवाददाता
थिएटर ओलंपिक

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आठवें थिएटर ओलंपिक का आगाज़ 17 फरवरी को दिल्ली के लाल किला मैदान में हो रहा है.

51 दिन तक चलने वाले इस रंगमंच महोत्सव में दुनिया के 30 देशों से कलाकार 30 अलग-अलग भाषाओं में नाटक पेश करेंगे.

भारत में इस तरह के थिएटर ओलंपिक का आयोजन पहली बार हो रहा है.

इस महोत्सव के लिए थीम तय किया गया है "फ्लैग ऑफ फ्रेंडशिप"

अजोका थिएटर पाकिस्तान

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लेकिन दोस्ती के इस महोत्सव में हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्ले की ही 'नो एंट्री' है.

पाकिस्तान की तरफ से इस रंगमंच महोत्सव में चार थिएटर ग्रुप ने नाटक मंचन का प्रस्ताव भेजा था.

लेकिन एक भी नाटक का चयन नहीं हुआ है.

पाकिस्तान की तरफ से जो चार नाटक ने मंचन के लिए अपना प्रस्ताव भेजा था, उसमें आजाद थिएटर की तरफ से "हुसैन" नाम का नाटक भी था.

"हुसैन" की नो एंट्री

थिएटर ओलंपिक में "हुसैन" की नो एंट्री पर पाकिस्तान के आजाद थिएटर के क्रिएटिव डॉयरेक्टर सरफराज अंसारी ने बीबीसी से बात की. उनके मुताबिक भारत से उनको ऐसी ही उम्मीद थी.

उन्होंने कहा, "बहुत उम्मीद से इस एंट्री को हमने भेजा था. ये पाकिस्तान की कहानी नहीं थी. ये भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाली कहानी थी."

"हुसैन" नाटक मुगल बादशाह अकबर के दौर की कहानी है, जो उनके एक दरबारी शाह हुसैन पर आधारित है.

आजाद थिएटर पाकिस्तान

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हालांकि आजाद थिएटर को थिएटर ओलंपिक की तरफ से नाटक के शामिल नहीं किए जाने पर कोई आधिकारिक चिट्ठी नहीं मिली है.

लेकिन सरफराज को लगता है कि भारत और पाकिस्तान के ताजा हालात उनके नो एंट्री की बड़ी वजह है. सरफराज का कहना है, "दोनों देशों के बीच के ताजा हालात गढ़े हुए हैं. इस वजह से हमें भारत नहीं बुलाया गया, ये सही नहीं है. हमने अपना 'मास्टर पीस' भेजा था. लेकिन हम नाउम्मीद नहीं है."

पाकिस्तान के दूसरे थिएटर ग्रुप 'अजोका' की भी इस महोत्सव में आने की उम्मीद टूटी है.

अजोका थिएटर के संयोजक नदीम मीर से जब बीबीसी ने उनके नाटक के बारे में पूछा तब उन्हें पता चला कि उनके शो को थिएटर ओलंपिक में जगह नहीं मिली.

थिएटर ओलंपिक में शामिल नाटक

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"काला मेरा भेष"

लेकिन वो फैसला सुन कर हैरान नहीं थे.

हालांकि उनको इस बात की सूचना बीबीसी से ही फोन पर मिली.

अजोका थिएटर ने "काला मेरा भेष" नाम का नाटक थिएटर ओलंपिक में दिखाने का प्रस्ताव भेजा था.

"काला मेरा भेष" पाकिस्तान के पंजाब के उस इलाके की कहानी है जहां पानी की अहमियत बीवी से ज्यादा है.

ये नाटक दो आदमियों की है. उनमें से एक आदमी के पास दो बीवियां होती हैं और एक आदमी के पास एक बैल. लेकिन गांव में पानी की इतनी किल्लत होती है कि अंत में दो बीवियों का शौहर अपनी एक बीवी को बैल के बदले बेच देता है, ताकि उसका इस्तेमाल दूर-दराज़ से पानी लाने में कर सके.

थिएटर ओलंपिक में शामिल नाटक

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लाहौर से नदीम ने बीबीसी को बताया, " इस शो का मंचन हम बहुत साल पहले दिल्ली के कमानी सभागार में कर चुके हैं. तब आईके गुजराल भारत के प्रधानमंत्री हुआ करते थे. वो भी हमारा नाटक देखने आए थे."

नदीम आगे कहते हैं, "थिएटर ओलंपिक एक अलग अनुभव होता है. हम दिल से इसमें शरीक होना चाहते थे. इसलिए हमने अपने यहां के पंजाब की कहानी चुनी थी. ख़ैर, इस बार नहीं तो अगली बार सही."

"मेरे सामने वाली खिड़की में" नाम के पाकिस्तान प्ले की डायरेक्टर उज्मा शबीन भी ज्यूरी के फैसले से निराश नहीं दिखती. उनके मुताबिक, "पिछले दो साल से वीजा का मसला हो जा रहा है. पिछले साल भी एक प्रोग्राम में हमारा नाटक शामिल कर लिया गया था, लेकिन फिर वीज़ा नहीं मिला. दोनों देशो के आर्टिस्ट तो एक दूसरे से मिलना चाहते हैं, लेकिन हुकमरान शायद ऐसा नहीं चाहते"

थिएटर ओलंपिक का आयोजन भारतीय केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय कर रहा है.

दिल्ली के भारतीय नाट्य विद्यालय को इसके आयोजन का जिम्मा सौंपा गया है.

पोलैंड के नाटक का एक दृश्य

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कैसी थी चयन प्रक्रिया ?

आखिर क्यों नहीं मिली पाकिस्तान के नाटकों को इसकी जगह, इस पर बीबीसी ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा से बात की.

महेश शर्मा ने बीबीसी को बताया, "पाकिस्तान की तरफ से चार एंट्री आई थी. और बाकी सभी देशों को मिला कर तकरीबन 1600 एंट्री थी. चयन प्रक्रिया के लिए हमने विदेश से ज्यूरी आमंत्रित किए थे. इसमें केवल एक ही भारतीय सदस्य था. जो अंतरराष्ट्रीय चयन समिति ने तय किया वो सभी को मानना चाहिए. पाकिस्तान के नाटक उस स्तर के नहीं थे. इसलिए उनको थिएटर ओलंपिक में जगह नहीं मिली."

भारत में आयोजित थिएटर ओलंपिक में 450 शो, 600 एंबियंस परफॉर्मेंस और 250 यूथ फोरम शो किए जाएंगे. इसमें 25,000 कलाकार शामिल होंगे.

बांग्ला नाटक का एक दृश्य

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8 अप्रैल को इसका समापन समारोह मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर होगा.

भारतीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष वामन केन्द्र का कहना है, "इस महोत्सव में भले ही पाकिस्तान से नाटक नहीं होंगे, लेकिन पड़ोसी देश बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के नाटक आप देख सेकेंगे."

थिएटर ओलंपिक की शुरूआत 1995 में ग्रीस ओलंपिक से शुरू हुई. उसके बाद से जापान, रूस, तुर्की, दक्षिण कोरिया, चीन और पोलैंड में इसका आयोजन हो चुका है.

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