PNB घोटाले पर बोले जेटली- आर्थिक सुधारों के लिए धक्का

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पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि यह निगरानी रखने वालों की नाकामी है.
जेटली ने कहा कि पिछले सात सालों से चल रहे इस घोटाले को नहीं रोका जाना निगरानीकर्ताओं पर गंभीर सवाल है. उन्होंने कहा कि नेताओं की तरह नियामक (रेग्युलेटर्स) भारतीय सिस्टम में जवाबदेह नहीं हैं.
भारत के इतिहास में सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले पर इस हफ़्ते दूसरी बार बोलते हुए जेटली ने कहा कि बैंक के कर्मचारियों ने घोटालेबाजों का साथ दिया और यह निराश करने वाला है.
जेटली ने कहा कि सिस्टम पर निगरानी रखने वालों के पास इस तरह की धोखाधड़ी पकड़ने की लिए तीसरी आंख होनी चाहिए.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ईटी ग्लोबल बिज़नेस समिट में जेटली ने कहा कि कारोबार में नैतिकता का होना बहुत ज़रूरी है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी धब्बा है और इससे आर्थिक सुधारों के साथ कारोबार में सुगमता को धक्का लगा है.
जेटली ने यह भी कहा कि बैंक प्रबंधन इस मामले में बुरी तरह से नाकाम रहा है.
उन्होंने कहा इस मामले में निगरानी पर्याप्त नहीं थी और शीर्ष प्रबंधन पूरी तरह से बेख़बर रहा है. जेटली ने कहा कि यह प्रवृत्ति निराश करने वाली है.
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ग्लोबल बिज़नेस समिट में कहा था, ''मैं साफ़ कर देना चाहता हूं कि सरकार वित्तीय अनियमितता के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई कर रही है और यह जारी रहेगी. व्यवस्था जनता के पैसे पर डाका नहीं डालने देगी.''
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हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर 2011 से 2017 के बीच पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई शाखा के फ़र्ज़ी लेटर्स ऑफ़ अंडरटेकिंग के ज़रिए विदेशों में भारतीय बैंकों से पैसे निकालने का आरोप है.
इस धोखाधड़ी के सामने आने के बाद से नीरव मोदी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है और संदिग्ध बैंक कर्मियों को गिरफ़्तार किया गया है. घपला सामने आने के बाद नीरव मोदी विदेश फरार हो गए हैं.