बजट 2019: महँगाई कैलकुलेटर से जानिए, रोज़मर्रा की चीज़ों पर कितना ख़र्च करते हैं आप?

नवंबर 2018 में 4.86 फ़ीसदी मुद्रास्फीति के साथ कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. आपने कभी सोचा कि जिन चीज़ों को आप आज इस्तेमाल करते हैं, 10 साल पहले उनकी क्या कीमत रही होगी? इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल कीजिए और जानिए आप अब पहले के मुक़ाबले ज़्यादा रुपये खर्च कर रहे हैं या कम?

विभिन्न वस्तुओं के साथ बैनर

महँगाई का कैलकुलेटर

एक चीज़ की कीमत 2020 में 100 रुपए मानकर, नीचे के टेबल में यह दिखाया गया है कि वही चीज़ आपको 2010 और 2015 में कितने की मिलती.
चीज़ें 2020 2015 2010
ब्रेड ₹100 ₹77.35 ₹53.63
चावल ₹100 ₹88.84 ₹65.18
गेहूँ ₹100 ₹79.74 ₹57.07
लहसुन ₹100 ₹62.05 ₹62.98
नमक ₹100 ₹85.84 ₹60.23
चीनी ₹100 ₹75.99 ₹82.76
मक्खन ₹100 ₹81.09 ₹51.88
दूध ₹100 ₹86.67 ₹53.51
अखबार ₹100 ₹89.88 ₹65.29
सेब ₹100 ₹94.89 ₹63.26
केला ₹100 ₹86.75 ₹53.83
प्याज़ ₹100 ₹96.97 ₹55.54
आलू ₹100 ₹53.37 ₹38.58
रसोई गैस ₹100 ₹74.97 ₹57.76
अंडे ₹100 ₹83.95 ₹60.72
ताज़ा मछली ₹100 ₹75.70 ₹39.48
मुर्गी ₹100 ₹84.94 ₹66.68
कॉफ़ी ₹100 ₹94.14 ₹64.08
चायपत्ती ₹100 ₹88.99 ₹68.40
शैंपू ₹100 ₹108.33 ₹86.54
टूथपेस्ट ₹100 ₹86.29 ₹63.10
बियर ₹100 ₹75.59 ₹52.74
सिगरेट ₹100 ₹76.88 ₹37.93
ऑटो रिक्शा ₹100 ₹86.24 ₹52.28
बस टिकट ₹100 ₹86.76 ₹55.01
पेट्रोल ₹100 ₹85.96 ₹68.73
कुल मिलाकर ₹100 ₹82.62 ₹53.36

आपका परिणाम नीचे है.

,
,
,
2010
2015
2020
ब्रेड ₹100 ₹77.35 ₹53.63
चावल ₹100 ₹88.84 ₹65.18
गेहूँ ₹100 ₹79.74 ₹57.07
लहसुन ₹100 ₹62.05 ₹62.98
नमक ₹100 ₹85.84 ₹60.23
चीनी ₹100 ₹75.99 ₹82.76
मक्खन ₹100 ₹81.09 ₹51.88
दूध ₹100 ₹86.67 ₹53.51
अखबार ₹100 ₹89.88 ₹65.29
सेब ₹100 ₹94.89 ₹63.26
केला ₹100 ₹86.75 ₹53.83
प्याज़ ₹100 ₹96.97 ₹55.54
आलू ₹100 ₹53.37 ₹38.58
रसोई गैस ₹100 ₹74.97 ₹57.76
अंडे ₹100 ₹83.95 ₹60.72
ताज़ा मछली ₹100 ₹75.70 ₹39.48
मुर्गी ₹100 ₹84.94 ₹66.68
कॉफ़ी ₹100 ₹94.14 ₹64.08
चायपत्ती ₹100 ₹88.99 ₹68.40
शैंपू ₹100 ₹108.33 ₹86.54
टूथपेस्ट ₹100 ₹86.29 ₹63.10
बियर ₹100 ₹75.59 ₹52.74
सिगरेट ₹100 ₹76.88 ₹37.93
ऑटो रिक्शा ₹100 ₹86.24 ₹52.28
बस टिकट ₹100 ₹86.76 ₹55.01
पेट्रोल ₹100 ₹85.96 ₹68.73
कुल मिलाकर ₹100 ₹82.62 ₹53.36
कोई दूसरी चीज़ चुनें

कार्यप्रणाली

इस कैलकुलेटर के लिए हमने खुदरा मूल्य सूचकांक (आरपीआई) का इस्तेमाल किया है. जिसके ज़रिए आप जान सकते हैं कि आपने प्रत्येक साल किस उत्पाद पर कितना खर्च किया.

ग्राहक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के ज़रिए यह मापा जाता है कि किसी उत्पाद और सेवा को एक तय वक़्त तक कितने ग्राहकों ने इस्तेमाल किया. सीपीआई के ज़रिए मुद्रस्फीति भी मापी जाती है.

मौजूदा वक़्त में भारत में दो संस्थाएं सीपीआई नापती हैं. लेबर ब्यूरो के ज़रिए आर्थिक क्षेत्रों (औद्योगिक श्रमिकों (CPI-IW) और कृषि श्रमिकों (CPI-AL)) के लिए CPI की गणना की जाती है. इसके अलावा सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (मोस्पी) साल 2011 से ग्रामीण और शहरी सीपीआई का संयुक्त संकलन कर रहा है. मोस्पी और लेबर ब्यूरो दोनों ही आरपीआई का इस्तेमाल करते हैं. हमने यहां लेबर ब्यूरो के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है क्योंकि वह बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध करवाते हैं.

आधार वर्ष गणना

आधार वर्ष के रूप में सिरीज़ के पहले साल को लिया गया. सामान्यतौर पर माना जाता है कि उस साल का सूचकांक 100 तक रहेगा. इसके बाद आने वाले सालों के सूचकांक को उस साल उत्पादों की बढ़ती कीमतों के आधार पर तय किया जाता है.

छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
पॉडकास्ट
छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी

उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.

दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर

समाप्त

उत्पादों की सूचीलेबर ब्यूरो की सिरीज़ में कुल 392 उत्पादों को पांच बड़े समूहों में बांटा गया है. इसके बाद इन समूहों को और छोटे समूहों में विभाजित किया गया है. हम रोज़ाना हर विभाजित समूह से 26 उप्तादों को चुनते हैं.

गणित

सरकार इन 392 उत्पादों का मासिक रिटेल मूल्य जारी करती है. हम इन उत्पादों की एक औसत कीमत सालाना दर पर गणना करते हैं. जिस समय हमनें कीमतों की गणना की उस समय तक हमारे पार नवंबर 2020 तक की कीमतें उपलब्ध थीं.

सीमाएं

मौजूदा वक़्त में लेबर ब्यूरो की ओर से जारी आरपीआई सिरीज़ में साल 2001 को आधार वर्ष बनाया गया है. ऐसे में समझा जा सकता है कि इस सिरीज़ में जो भी कीमते हैं उसकी 18 साल पहले की कीमतों से तुलना की गई है. आधार वर्ष से अभी तक अर्थव्यवस्था में बहुत ज़्यादा बदलाव आ गए हैं. मोस्पी ने जो सीपीआई की गणना की है उसमें उन्होंने 2010 को और उसके बाद 2012 को आधार वर्ष बनाया.

लेबर ब्यूरो की गणना में महज़ सात सेक्टर में शामिल लोगों के उत्पादों को ही शामिल किया गया( (i) कारखानों, (ii) खदान, (iii) वृक्षारोपण, (iv) रेलवे, (v) सार्वजनिक मोटर परिवहन उपक्रम, (vi) विद्युत उत्पादन और वितरण प्रतिष्ठान, और (vii) बंदरगाह)

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)