साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग कर सकता है कार्रवाई

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चुनाव आयोग ने दिवंगत पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के दिए गए बयान का स्वतः संज्ञान लेकर उन्हें नोटिस जारी किया है.
इस बारे में चुनाव आयोग अगले 24 घंटों में कार्रवाई कर सकता है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि हेमंत करकरे की मौत उनके 'श्राप' की वजह से हुई थी.
2008 में मुंबई पर हुए चरमपंथी हमले के दौरान हेमंत करकरे की मौत हो गई थी. अपने बयान पर विवाद होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया था, भाजपा ने भी इस बयान से किनारा करते हुए इसे साध्वी की व्यक्तिगत राय बताया था.
लेकिन अब लगता है कि उन्हें चुनाव आयोग की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है.
चुनाव अधिकारी वी कांताराओ ने स्थानीय पत्रकार शुरैह नियाज़ी को बताया, "इस बयान के बारे में हमारी मीडिया निगरानी टीम ने जब जानकारी दी तो हमने इसका स्वतः संज्ञान लिया है और इसकी जांच कर रहे हैं. भोपाल के ज़िलाधिकारी से भी हमने जवाब मांगा है. कल तक इसे लेकर कार्रवाई कर दी जाएगी."
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा से भी 24 घंटों के भीतर जवाब मांगा है.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव धमाका मामले की मुख्यों अभियुक्तों में से एक हैं और फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं. उन्हें स्वास्थ्य कारणों की वजह से ज़मानत दी गई है.

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साध्वी प्रज्ञा का मुक़ाबला दिग्विजय सिंह से है
चुनाव आयोग के मुताबिक़ चुनावी सभा में किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.
भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से उम्मीदवार घोषित किया था. उनके सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हैं.
जानकार मानते हैं कि साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण कर सकती है.
विपक्षी दल कांग्रेस और आईपीएस एसोसिएशन ने साध्वी प्रज्ञा के बयान की निंदा की है.
भारतीय जनता पार्टी ने अपने आप को साध्वी के बयान से दूर कर लिया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में साध्वी की उम्मीदवारी का बचाव किया है.
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