जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा, आर्टिकल 370 पर चिंता की बात नहीं - पांच बड़ी ख़बरें

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जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेस में कहा कि चरमपंथियों को बातचीत के रास्ते आगे बढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा, "आप भारत को हिंसा से झुका नहीं सकते. यहां के नेता अपने बच्चों को ये नहीं समझाते. आप हमसे सब ले लो, जान ले लो लेकिन प्यार से, बातचीत से. इसके लिए नरेंद्र मोदी तैयार हैं, हम तैयार हैं."
उन्होंने माना कि कई बार सरकार से भी ग़लतियां हुई हैं लेकिन उससे बड़ी ग़लतियां कश्मीर के नेताओं ने की हैं.
"मैं हुर्रियत के नेताओं का सम्मान करता हूं, उन्होंने काफ़ी सहा है लेकिन ग़लत बात के लिए."
उन्होंने आर्टिकल 370 और 35A पर भी कहा कि कई पार्टियों के घोषणापत्र में इस पर लिखा है. इस पर चर्चा हो रही है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है जिस पर कश्मीर के लोगों को चिंता करने की ज़रूरत है."
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'राहुल गांधी बने रहेंगे कांग्रेस अध्यक्ष'
कांग्रेस ने पार्टी की कोर कमेटी को भंग कर दिया है. आगामी संसद सत्र के लिए रणनीति पर चर्चा के लिए बुधवार को कांग्रेस ने बैठक बुलाई थी.
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल जल्द ही राज्य प्रभारियों की एक बैठक बुलाएंगे.
राहुल गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हुए. लेकिन रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष थे, हैं और आगे भी बने रहेंगे.
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वर्ल्ड कप में भारत का तीसरा मुक़ाबला आज
वर्ल्ड कप 2019 में आज भारत अपना तीसरा मैच नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में खेलेगा. भारत का ये मुक़ाबला न्यूज़ीलैंड के साथ है जो दोपहर तीन बजे से शुरू होगा.
भारत अब तक अपने पहले दोनों मैच जीत चुका है. इस मैच में सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन चोटिल होने के वजह से नहीं खेलेंगे.
भारत न्यूजीलैंड के साथ अपना अभ्यास मैच हार गई थी.
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ज़ाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध
मलेशिया में रह रहे भारतीय इस्लामी उपदेशक डॉक्टर ज़ाकिर नाइक को भारत वापस लाने की कोशिश की जा रही है. नाइक लगभग दो सालों से मलेशिया में रह रहे हैं.
बांग्लादेश में 2016 में हुए एक आतंकी हमले के बाद उनके ख़िलाफ़ भारत में मामला दर्ज हुआ था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां बुधवार को कहा, "भारत सरकार ने डॉक्टर ज़ाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया है. हम मलेशिया के साथ इस मामले पर लगातार प्रयास करते रहेंगे."
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यूरोपीय संघ ने हॉन्ग कॉन्ग के नागरिकों का दिया साथ
यूरोपीय संघ ने हॉन्ग कॉन्ग से अपील की है कि वो अपने नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करे.
हॉन्ग कॉन्ग में प्रत्यर्पण क़ानून में संशोधन के ख़िलाफ़ हज़ारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर गए हैं.
इन प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हिंसक संघर्ष भी हुआ है.
प्रस्तावित क़ानून के मुताबिक़ अगर कोई शख़्स अपराध करके हॉन्गकॉन्ग भाग जाता है तो उसे जांच प्रक्रिया में शामिल होने के लिए चीन भेजा जाएगा.
ब्रिटेन ने भी हॉन्ग कॉन्ग के नेतृत्व से उसकी जनता और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों की चिंताओं को सुनने का आग्रह किया है. वहीं, हॉन्ग कॉन्ग सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर प्रायोजित ढंग से दंगे फैलाने और हिंसक झड़पों को अंजाम देने का आरोप लगाया है.
वहीं दूसरी तरफ़ चीन ने ज़ोर देकर कहा है कि हॉन्ग कॉन्ग बिना देरी किए प्रस्ताव को आगे लेकर जाए.
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