कोरोना वायरस: सचिन नायक, वो डॉक्टर जिन्होंने कार में बनाया घर
- शुरैह नियाज़ी
- बीबीसी हिंदी के लिए

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देश में जारी कोरोना संकट के दौरान हर जगह से ख़बरें आ रही हैं कि किस तरह से स्वास्थ्य क्षेत्र में जुटे लोग अपना सब कुछ छोड़ कर लोगों की सेवा में लगे हुये है.
इसी तरह का कुछ काम भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर सचिन नायक कर रहे है.
सचिन नायक कोरोना पीड़ितों के बीच काम कर रहे थे इसलिये उन्होंने अपने परिवार को संक्रमण से बचाने के लिये अपनी कार को ही अपना घर बना लिया था.
हालांकि, प्रशासन ने सचिन नायक के लिये अब होटल में व्यवस्था करा दी है ताकि वो आराम से काम के बाद वहां रह सकें.
सचिन नायक ने यह सब अपनी मां, पत्नी और बच्चे को बचाने के लिये किया है.
परिवार से दूरी कितनी बुरी?
सचिन नायक ने बताया, "यह क़दम ज़रूरी है क्योंकि हमें बाहर वालों के साथ ही अपने क़रीबियों को भी संक्रमण से बचाना है."
डॉक्टर सचिन नायक पिछले एक हफ़्ते से गाड़ी में रह रहे थे.
इस गाड़ी में उन्होंने ज़रूरत के सभी सामान को रख लिया था जिसमें उनके लैपटॉप के साथ ही किताबें भी थीं.
ताकि वो अपने काम से फ़ुर्सत पाकर वक़्त मिलने पर पढ़ सकें.
डॉक्टर नायक वीडियो कॉल के ज़रिये अपने परिवार से बातचीत करते रहते हैं.
वहीं, डॉक्टर नायक पहली बार सात दिन की ड्यूटी के बाद अपने घर पर बुधवार को पहुंचे.
इस दौरान वो अपनी पत्नी और मां से बाहर से ही मिलकर वापस आ गये.
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उन्होंने अपनी मां को ज़रूर यह कहा कि ''चिंता मत करो, मैं जल्दी ही घर वापस आऊंगा.''
इस दौरान घर से उन्होंने एक गिलास पानी भी पिया जिसमें उन्होंने और उनके परिवार ने पूरी सावधानी बरती ताकि किसी भी तरह का संक्रमण ने फैले.
इसके बाद सचिन नायक ने परिवार से खाने का टिफिन लिया और घर से चले गये.
डॉक्टर नायक का मानना है, "यह लड़ाई लंबी ज़रूर है लेकिन इसे आसानी से सब मिल जुलकर जीत लेंगे."
डॉक्टर नायक का क़िस्सा हर जगह शेयर किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनकी तारीफ़ की है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टर नायक की फोटो शेयर करते हुये लिखा कि, "इन योद्धाओं से हम कोरोना से जंग जीतेंगे."
शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने ट्विटर हैंडल से प्रदेश के ऐसे महानायकों का हौसला बढ़ा रहे हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने भोपाल के पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सुधीर डेहरिया की एक तस्वीर भी शेयर की थी जिसमें वो अपने घर के बाहर बैठ कर चाय पी रहे हैं.
सुधीर डेहरिया की इस तस्वीर को देश भर में काफ़ी शेयर किया गया था जिसमें वो पाँच दिन बाद अपने घर पर आए हैं और घर के बाहर बैठ कर चाय पी रहे हैं.
डेहरिया की पत्नी और उनके बच्चे भी उनसे दूर खड़े नज़र आ रहे हैं.
उनका परिवार कोरोना वायरस के दौरान की जाने वाली सोशल डिस्टेंसिग का पालन कर रहा था.
उस तस्वीर के ज़रिये उन्होंने यह बताने की कोशिश की थी कोरोना वायरस के चलते किसी तरह से डाक्टर लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे है और समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं.
वही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी डॉक्टर सचिन नायक की फोटो शेयर करते हुए उनकी तारीफ की थी.
वही इंदौर में एक डॉ शत्रुघ्न पंजवानी की मौत कोरोना वायरस से गुरुवार को हो गई है.
इंदौर के सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने इस बात की पुष्टि की है.
उन्होंने बताया कि डॉ शत्रुघ्न पंजवानी पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और उनका उपचार चल रहा था. उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई.
मध्यप्रदेश में किसी डॉक्टर की मौत कोरोना की वजह से पहली बार हुई है. हालांकि कोरोना पॉजिटिव कई डाक्टर पाये गये है.
इस मौत के बाद प्रशासन ज्यादा सर्तक हो गया है. प्रशासन ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफों को ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
लॉकडाउन की क्या हालत है?
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीज़ों को ध्यान में रखते हुये मुख्यमंत्री ने बुधवार को भोपाल, इंदौर और उज्जैन की सीमायें पूरी तरह से सील कर देने के आदेश दिये थे.
वहीं, प्रदेश सरकार लॉकडाउन खुलने के बाद भी शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और स्कूल-कॉलेज को एक महीने और बंद रख सकती है.
सरकार ने एक कमेटी बनाई ताकि लॉकडाउन की समीक्षा की जा सकें.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. मुख्यमंत्री अंतिम रूप देकर उसे केंद्र को भेजेंगे.
इस रिपोर्ट में सिफ़ारिश की गई है कि सब्ज़ी और किराना समेत कुछ दुकानों को भी आंशिक रूप से खोलने की अनुमति दी जायें.
वहीं, सार्वजनिक कार्यक्रमों को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा जायें.
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