भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान में क्या हुआ था, पहली बार भारत ने बताया

भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए सैनिकों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया है.
पिछले साल पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15/16 जून की दरमियानी रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी.
चीन ने आधिकारिक रूप से ये नहीं बताया है कि इस संघर्ष में उसके कितने सैनिक हताहत हुए.
भारत सरकार ने इस संघर्ष में मारे जाने वाले 16वीं बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया है. इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमावर्ती इलाक़ों में तनाव बना हुआ है.
भारत सरकार ने पहली बार बताया है कि उस रात को आख़िर क्या हुआ था. इससे पहले तक भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प को लेकर बहुत कम आधिकारिक जानकारी उपलब्ध थी.
लेकिन अब कर्नल बाबू को दिए गए महावीर चक्र के साइटेशन में उस घटना का भी विवरण है, जब कर्नल बाबू ने अपनी अंतिम साँस तक अपनी टुकड़ी का नेतृत्व किया.
महावीर चक्र के साइटेशन में बताया गया है, "कर्नल संतोष बाबू को 15 जून, 2020 को अपनी टीम 16वीं बिहार रेजिमेंट का नेतृत्व करते हुए ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत दुश्मन के सामने ऑब्जर्वेशन पोस्ट स्थापित करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी. अपनी टुकड़ी को समझाते हुए और उन्हें संगठित करते हुए कर्नल बाबू ने ये काम पूरा किया. लेकिन अपने पोस्ट को बचाते हुए उन्हें दुश्मन की ओर से भारी विरोध का सामना करना पड़ा. दुश्मन ने जानलेवा और नुकीले हथियारों एवं ऊंचाई से पत्थरबाज़ी की. दुश्मन सैनिकों की हिंसक और आक्रामक कार्रवाई से प्रभावित हुए बिना कर्नल बाबू सर्विस को अपने से पहले स्थान देने की सच्ची भावना का उदाहरण देते हुए भारतीय सैनिकों को पीछे धकेले जाने का विरोध करते रहे. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन अपनी अंतिम साँस तक अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करते रहे."
भारत-चीन संघर्ष में मारे गए कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार किया गया
कर्नल बाबू के साथ भारत सरकार ने 16वीं बिहार रेजीमेंट के नायब सूबेदार नुदुराम सोरेन को वीर चक्र (मरणोपरांत), 81 फ़ील्ड के हवलदार के पिलानी को वीर चक्र, 3 मीडियम के हवलदार तेजेंदर सिंह को वीर चक्र, 16 बिहार के नायक दीपक सिंह को वीर चक्र (मरणोपरांत) और 3 पंजाब के सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र (मरोपरांत) देने की घोषणा की है.
इसके साथ ही 4 पैरा (एसएफ) के सूबेदार संजीव कुमार को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), 21 आरआर के मेजर अनुज सूद को शौर्य चक्र (मरणोपरांत), 6 असम राइफल्स के राइफलमैन प्रणब ज्योति दास और 4 पैरा (एसएफ) के पैराट्रूपर सोनम तेसरिंग तमांग को शौर्य चक्र देने की घोषणा की गई है.
- गलवान घाटी पर भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़े अहम सवाल का जवाब
- भारत-चीन के बीच ताज़ा विवाद की तीन बड़ी वजहें
- क्या आपके सैनिक भी मारे गए हैं? चीन ने इस सवाल का कुछ यूं दिया जवाब
- भारत-चीन सीमा पर झड़प: भारतीय सैनिकों ने क्यों नहीं किया हथियारों का इस्तेमाल, बताया विदेश मंत्री एस जयशंकर ने
- गलवान घाटी को लेकर क्यों है भारत-चीन में तनाव
भारत सरकार की ओर से चक्र सिरीज़ के वीरता पुरस्कार दिए जाने को सुरक्षा विशेषज्ञों ने काफ़ी गंभीरता से लिया है.
क्योंकि महावीर चक्र युद्ध काल में दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों में शामिल है. इससे पहले ये अवॉर्ड 1999 में दिए गए थे, जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध चल रहा था.
रक्षा और रणनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार नितिन गोखले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, "अगर कर्नल संतोष बाबू, जो पिछले साल जून के महीने में गलवान घाटी में 19 अन्य सैनिकों के साथ मारे गए थे, को महावीर चक्र (दूसरा सबसे बड़ा वीरता सम्मान) मिलता है, तो ये स्पष्ट है कि भारत लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध को युद्ध की तरह ले रहा है. इससे पहले शौर्य दिखाने के लिए चक्र सिरीज़ के अवॉर्ड कारगिल युद्ध के समय 1999 में दिए गए थे."
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)