बिहार के मुद्दे पर संसद में बीजेपी और जेडीयू के बीच क्यों हुई तीखी बहस - प्रेस रिव्यू

इमेज स्रोत, Getty Images
बिहार में गठबंधन की सरकार चला रहे बीजेपी और जेडीयू के बीच संसद में मतभेद देखने को मिला है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि मंगलवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान दोनों दलों के सदस्य बिहार में ग्रामीण सड़क परियोजनाओं और विकास योजनाओं को लेकर भिड़ गए.
लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने बिहार सरकार की निंदा करते हुए सवाल किया कि वहां पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक काम पूरा क्यों नहीं हुआ है जबकि बाक़ी राज्य उससे आगे हैं.
इसका जवाब देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह आगे आए और उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार सरकार PMGSY के लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रही है.
जेडीयू ने इसे हल्के में नहीं लिया और उसकी पार्टी के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने गिरिराज सिंह से सवाल किया कि उनकी राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ अधूरे काम को पूरा करने के लिए क्या कोई बैठक हुई है.
बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दावा करती रही है कि वो भारत के गांवों की तस्वीर बदल रही है. बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा, "मैं बिहार सरकार से बहुत निराश हूं. बिहार को पहले और दूसरे चरण में जितनी सड़कों के लिए अनुमति मिली थी उनमें से कई किलोमीटर अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं. पहले और दूसरे चरण का काम अभी बाक़ी है, जबकि तीसरा चरण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है."
गिरिराज सिंह जेडीयू नेता पर बरसे
इमेज स्रोत, Getty Images
इन दावों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने आंकड़ों से मुहर लगा दी. उन्होंने कहा कि PMGSY के तहत पहले चरण में 1,287 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना अभी बाक़ी है, वहीं दूसरे चरण में 411 किलोमीटर और तीसरे चरण में 6,162 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए अनुमति दी गई है.
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की ओर से मुहैया कराए गए फ़ंड्स में से अभी भी तक़रीबन 949 करोड़ रुपये राज्य सरकार के पास हैं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 1,390 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को अनुमति दी है, लेकिन टेंडर अभी तक नहीं निकाला है.
गिरिराज सिंह ने कहा, "मैं राज्य सरकार से निवेदन करता हूं कि काम को वक़्त पर पूरा किया जाए ताकि बिहार भी भारत सरकार के 1.25 लाख किलोमीटर सड़क बनाने के लक्ष्य में भागीदार बन सके."
गिरिराज सिंह के जवाब के बाद जब कौशलेंद्र कुमार ने सवाल किया तो उसके बाद जेडीयू सांसद और पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह भी सामने आए.
उन्होंने गिरिराज सिंह से पूछा, "एनडीए केंद्र के साथ-साथ बिहार में भी सरकार चला रही है. आप बिहार से हैं, मैं बिहार से हूं. आपने कभी राज्य सरकार और उसके अधिकारियों के साथ मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कभी बैठक की?"
इस पर गिरिराज ने जवाब दिया, "बिहार के सांसदों और अधिकारियों के साथ मेरी कई बैठकें हुई हैं. मैं अपना काम कर रहा हूं. यहां पर नेता हैं और आप मेरे साथ आकर बैठक कर सकते हैं. एक मंत्री के रूप में मैं सबके संपर्क में रहता हूं."
बिहार से 40 सांसद लोकसभा में आते हैं जिनमें से इस समय 17 बीजेपी और 16 जेडीयू से हैं.
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से आज लौटेगा किसान प्रदर्शनकारियों का आख़िरी जत्था
इमेज स्रोत, ANI
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान तीन कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने के बाद वापस लौट रहे हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार 'हिंदुस्तान टाइम्स' लिखता है कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आख़िरी जत्था आज उस जगह को छोड़ देगा.
वहीं हरियाणा की सीमा सिंघु और टीकरी बॉर्डर से भी किसान प्रदर्शनकारी लौट चुके हैं और वहां से अब आम ट्रैफ़िक गुज़र रहा है.
ऐसी संभावना है कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से आज सारे बैरिकेड हटा लिए जाएंगे और वहां से ट्रैफ़िक गुज़रने लगेगा.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर अभी भी कुछ किसान बैठे हैं जिसके कारण बैरियर लगे हुए हैं.
हालांकि, किसान नेताओं का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों का एक छोटा जत्था वहां पर है जो आज लौट जाएगा.
यूपी चुनाव से पहले सीएम योगी आज पंचायतों के लिए करेंगे अहम घोषणाएं
इमेज स्रोत, Getty Images
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को विधानसभा चुनाव से पहले 'यूपी ग्राम उत्कर्ष समारोह' में 8,84,225 त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अहम घोषणाएं करने जा रहे हैं.
'अमर उजाला' लिखता है कि मुख्यमंत्री योगी ग्राम प्रधानों, ब्लॉक प्रमुखों, ज़िला पंचायत अध्यक्षों को प्रतिमाह मिलने वाला मानदेय बढ़ाने के साथ ज़िला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम पंचायत सदस्यों की बैठकों में शामिल होने वाले भत्ते में बढ़ोतरी की भी घोषणा करेंगे.
पंचायतों के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार में भी बढ़ोत्तरी की घोषणा की भी तैयारी है.
राज्य सरकार निर्वाचित प्रतिनिधियों की मौत पर आश्रितों को दो लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता भी देगी.
सोनिया गांधी के घर विपक्ष की बैठक, ममता नदारद
इमेज स्रोत, ANI
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की.
'हिंदुस्तान' अख़बार लिखता है कि इसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई. हालांकि, बैठक से तृणमूल कांग्रेस नदारद थी.
यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने मुंबई दौरे के वक्त यह कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं है और अब ममता की पार्टी के बिना ही सोनिया की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं की बैठक को संदेश के तौर पर भी देखा जा सकता है.
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई इस बैठक में पवार के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, शिवसेना नेता संजय राउत और डीएमके नेता टीआर बालू भी शामिल हुए.
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी और बैठकें होंगी ताकि सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सके. इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अलावा लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्य मौजूद थे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)