मथुरा के बरसाने की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है. (तस्वीरें- सुनील शर्मा)
लट्ठमार होली में महिलाएं ज़ोरदार ढंग से लाठी भांजती हैं
लट्ठमार होली की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है
लाठी भांजने और होली खेलने में उम्र की कोई सीमा नहीं होती
इस होली में कृत्रिम रंगों से परहेज़ किया जाता है
रंग डालने के लिए मशीनों तक भी इस्तेमाल किया जाता है
लोग बड़े ही उत्साह के साथ होरी गीत गाते हैं
लट्ठमार होली को देखने के लिए हज़ारों श्रद्धालु बरसाना पहुंचते हैं.
इस दौरान आपस में लट्ठ भांजने की प्रतियोगिताएं भी होती हैं
इस अवसर पर रसिया गायन भी होता है
बरसाने की होली को ब्रज की होली का प्रतीक माना जाता है
यहाँ टेसू के फूलों तैयार रंग ही इस्तेमाल किया जाता है