'आतंकवाद' से न भारत का भला होगा, न पाक का: मोदी

गुजरात के मख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 'सीमापार आतंकवाद' से न तो भारत का भला होगा और न ही पाकिस्तान का.
हरियाणा के रेवाड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश को आपस में लड़ने की बजाय गरीबी और अशिक्षा से लड़ना है.
उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान पर 'आतंकवाद को बढ़ावा' देने का आरोप लगाया.
यूपीए सरकार को निशाना बनाते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.
मोदी को शुक्रवार को ही भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, हालांकि उनके नामांकन को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की नाराजगी को दूर नहीं किया जा सका है.
'नेक नहीं पाकिस्तान के इरादे'
रेवाड़ी में सेना के पूर्व जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “भारत ने जितने जवान युद्ध में गँवाए हैं, उससे अधिक जवान आतंकवादी और नक्सली हिंसा में गँवाए हैं.”
पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवाद के खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करते हैं जो उनकी घरेलू राजनीति के मुताबिक होती है, लेकिन इससे समस्या दूर नहीं हो सकती है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई एक सरकार आई है. इसके बाद एक आशा थी कि वो भारत विरोध की एक राजनीति छोडकर एक मित्र देश के रूप में काम करेंगे, लेकिन सीमा पर जिस तरह से हमारे सैनिकों को मार दिया गया उससे लगता है कि पाकिस्तान के इरादे नेक नहीं हैं."
हाल ही में नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच खासा तनाव रहा जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया.
मोदी ने कहा, "दिल्ली में सक्षम सरकार जरूरी है."
'वन रैंक वन पेंशन'
उन्होंने कहा कि 'आज देश में सेना की उपेक्षा के कारण हमारे देश की युवा पीढ़ी सेना में जाना नहीं चाहती है. यह देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती है.'
नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार से 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग पर श्वेत पत्र लाने की मांग भी की.
इसके साथ ही उन्होंने देश में रक्षा उद्योग के विकास की ज़रूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि अब युद्ध मैदान में नहीं लड़े जा रहे हैं, खास कर इस सिलसिले में उन्होंने साइबर चुनौतियों का जिक्र किया.
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