आदर्श रिपोर्ट ख़ारिज होने के ख़िलाफ़ राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आदर्श जांच रिपोर्ट पर महाराष्ट्र सरकार के फ़ैसले से असहमति जताई है.
राहुल ने कहा, ''मैं महाराष्ट्र सरकार के फैसले से असहमत हूँ और मुझे लगता है कि आदर्श की जांच रिपोर्ट पर फिर से विचार होना चाहिए.''
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के 11 मुख्यमंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेस में राहुल ने ये बातें कहीं.
महाराष्ट्र सरकार ने आदर्श सोसायटी घोटाला मामले में बहु-प्रतीक्षित जाँच रिपोर्ट 20 दिसंबर को विधानसभा में पेश की थी.
जाँच रिपोर्ट में आदर्श सोसायटी में फ़्लैट मिलने वालों की सूची में राज्य के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य जांच आयोग की रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया था.
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जाँच आयोग की रिपोर्ट को राज्य सरकार द्वारा नकारने पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण की आलोचना भी की.
भ्रष्टाचार और लोकायुक्त
महंगाई और भ्रष्टाचार के अलावा राहुल ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकारों के कार्यक्रमों का प्रचार सही तरीके से हो. बैठक में खाद्य सुरक्षा पर भी चर्चा की गई.
28 फरवरी तक सभी कांग्रेस शासित प्रदेशों में लोकायुक्त की नियुक्ति होगी. कांग्रेस शासित प्रदेशों में बिना लाइसेंस फल-सब्ज़ी बाहर नहीं बेचा जाएगा.
कांग्रेस शासित प्रदेशों में मुख्यमंत्री कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे. कांग्रेस शासित राज्यों में उचित दामों की दुकानें भी खुलेंगी.
राहुल गांधी के मुताबिक जो जबावदेही केंद्रीय लोकपाल में है वही जबावदेही प्रदेशों के लोकायुक्त की भी होगी.
भ्रष्टाचार पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि लोकपाल बिल एक कदम है और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हमें एक पूरे ढांचे की जरूरत है.
राहुल पार्टी के मुख्यमंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा, ''अगर पार्टी को अपनी छवि सुधारनी है और 2014 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना है तो भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों का निपटारा करना होगा.''
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