इस बार नहीं उठा पाएँगे कश्मीरी सेब का लुत्फ़?
- माजिद जहांगीर
- श्रीनगर से, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
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कश्मीर घाटी में आई बाढ़ ने न सिर्फ इंसानों को निगल लिया और बस्तियों को उजाड़ दिया बल्कि कश्मीर के सेब व्यापार को भी बड़े पैमाने पर धक्का लगा है.
अभी तक जो आँकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक भारतीय कश्मीर से होने वाले सेब व्यापार को सैकड़ों करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है.
दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में हर साल 230 करोड़ रुपए के सेब की पैदावार होती है. सरकारी आंकड़े कहते हैं कि यहां 150 करोड़ रुपए की बर्बादी हुई है.
पूरी रिपोर्ट पढ़िए
सेब की फ़सल को हुए नुकसान के अलावा अनंतनाग ज़िले में सेब के बागानों को भी सात करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.
भारतीय कश्मीर में फलों के कारोबार से जुड़े लोगों के संगठन के अध्यक्ष फयाज़ अहमद मलिक का कहना है कि कश्मीर में बाढ़ से पहले लगातार बारिश और फिर सैलाब की वजह से सेब के छह करोड़ बक्सों को नुकसान पहुँचने की आशंका है.
नुकसान की भरपाई
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उनके मुताबिक बाढ़ से पहले घाटी में सेब से लदे आठ हज़ार ट्रक लदे हुए थे, जिनमें 4500 गाड़ियों का माल खराब हो चुका है.
पुलवामा ज़िले में सेब की फ़सल की कुल पैदावार 550 करोड़ रुपए की होती है. अब तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां 325 करोड़ रुपए से ज़्यादा के सेब तबाह हो चुके हैं.
अनंतनाग ज़िले के एक सेब व्यापारी ताहिर खान ने बीबीसी को बताया, "बारिश और बाढ़ ने हमारे सेब के बागों में तबाही मचा दी है. हम इस नुकसान की भरपाई अगले दो सालों तक नहीं कर पाएंगे. इस साल बाजार में हमारे सेब की कीमत काफी हद तक गिर चुकी है."
धान की फ़सल
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कुलगाम ज़िले का हाल भी कुछ अलग नहीं है.
कुलगाम नूर आबाद के सेब व्यापारी शाबिर डार कहते हैं, "बारिश और बाढ़ ने हमारे सेब को किसी ग्रेड के काब़िल भी नहीं रखा है. न 'ए' ग्रेड, न 'बी' ग्रेड और न 'सी' या 'डी' ग्रेड. पूरे साल जो पैसा हमने अपने बागों में लगाया वो पैसा भी पूरा नहीं हो सकता है."
घाटी में सेब और दूसरी फ़सलों को हुए नुकसान के अलावा धान की फ़सल को भी बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है.
पुलवामा में सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यहां धान की फ़सल लगभग पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
हज़ारों एकड़
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इस घाटे से उबरने में लंबा वक्त लग जाएगा.
वहीं अनंतनाग और कुलगाम ज़िले में धान की बर्बाद हुई फ़सल की एक जैसी ही तस्वीर है.
पुलवामा में 10,300 एकड़ की धान की फ़सल बर्बाद हुई है और अनंतनाग में ये रकबा 13,000 हज़ार एकड़ का है.
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह को घाटी में सेब और अन्य फ़सलों की बर्बादी के बारे में फलों के कारोबार से जुड़े लोगों के संगठन की ओर से जो ज्ञापन सौंपा गया है, उसमें 20 लाख टन के नुकसान की बात कही गई है.
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