बकरीद पर ढाका में बही 'खून की नदी'
पूरी दुनिया के मुसलमान जब बकरीद मना रहे थे उस दौरान लोग कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर कर रहे थे जिनमें बांग्लादेश की राजधानी ढाका की गलियों में बारिश के जमा पानी में खून मिला हुआ दिखाई दे रहा है.

इमेज स्रोत, Syful Islamd Rony/Prothom Alo
ढाका में बही 'खून की नदी'
कुर्बानी दिए गए जानवरों का खून नालियों में जमा हो गया था. यह खून भारी बारिश के कारण जमा पानी में मिल गया जिसकी वजह से ढाका के कई इलाकों में 'खून की नदी' जैसा दृश्य दिखाई देने लगा.
भारी बारिश के कारण शहर में कई सीवर और गटर भी जाम हो गए थे जिसकी वजह से लोगों को खासी तकलीफ उठानी पड़ी.
बीबीसी की बंगाली सेवा के अनुसार घुटनों तक आए इस गंदे पानी में लाखों मवेशियों की कुर्बानी का खून अंडरग्राउंड कार पार्किंगों और रिहायशी इमारतों के तल पर जमा हो गया.
ढाका के शांतिनगर समेत कई इलाकों में खून,लीद और बरसाती पानी के आपस में मिल जाने से स्थानीय निवासियों को ऐसे भयावह दृश्यों का सामना करना पड़ा लेकिन वहां के कई निवासियों के लिए ऐसे दृश्य नए नहीं हैं.
जल भराव की यह समस्या पुराने शहर में हर बरसात में बड़ी परेशानी का सबब बनती है.
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ढाका में बही 'खून की नदी'
स्थानीय निवासी इस जल निकास की समस्या के लिए संबंधित अधिकारियों को दोषी मानते हैं.
अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कुर्बानी के लिए जगह तय की हुई हैं.
लोगों को इन तयशुदा जगहों पर ही कुर्बानी अदा करनी चाहिए. कई स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन ने इन जगहों के बारे में ठीक से प्रचारित नहीं किया है.
सोशल मीडिया में इन तस्वीरों के शेयर होने के बाद कुर्बानी को लेकर कुछ लोगों ने इस प्रथा की आलोचना भी की है.
वहीं कुछ लोगों ने इसका समर्थन भी किया. समर्थन करने वालों का तर्क था कि यह एक धार्मिक अनुष्ठान है और इससे किसानों को रोज़गार भी मिलता है.
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ढाका में 'खून की नदी'
समर्थकों का यह भी मानना है कुर्बानी के बाद मांस के बंटवारे में गरीबों को भी हिस्सा मिलता है.