अमरीकी हमले में 62 सीरियाई सैनिकों की मौत

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देयर एज़ोर में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के लड़ाके सीरियाई सैनिकों से युद्ध कर रहे हैं

अमरीका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने स्वीकार किया है कि उनके विमानों ने उत्तर-पूर्वी सीरिया में हमले किए हैं.

रूस की सेना का कहना है कि इस हमले में 62 सीरियाई सैनिकों की मौत हो गई है, जो तथाकथित इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ रहे थे.

अमरीका का कहना है कि उनके विमानों ने देयर एज़ोर पर उसी वक़्त हमला रोक दिया, जैसे ही उन्हें वहां सीरियाई सैनिकों की मौजूदगी की जानकारी मिली.

वहीं रूस का कहना है कि अमरीका के इस हमले के कारण आईएस के जिहादियों को आगे बढ़ने का मौक़ा मिला है.

रूस ने हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है.

इससे पहले रूस ने कहा था कि सीरिया में जारी युद्धविराम कमज़ोर हुआ है और उसके टूटने का ख़तरा मंडरा रहा है. रूस ने ये भी कहा था कि इसके लिए अमरीका ज़िम्मेवार होगा.

युद्ध विराम के समझौते के मुताबिक़ अमरीका आईएस या अन्य जिहादी समूहों पर हमले जारी रख सकता है.

अमरीका ने एक बयान में कहा कि गठबंधन सेनाओं को लगा कि वे कथित इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हमला कर रहे हैं. वहीं रूस के इस बयान के बाद कि जिन अधिकारियों और वाहनों को निशाना बनाया गया है, वे सीरियाई सेना का हिस्सा हो सकते हैं, गठबंधन सेना ने हमले को फ़ौरन रोक दिया."

अमरीका की ओर से बयान में कहा गया है, "संयुक्त हवाई संचालन केंद्र ने रूसी पक्ष को इस हमले के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था."

बयान में ये भी कहा गया, "सीरिया में बहुत जटिल हालात हैं जहां कई सेनाएं और लड़ाके बेहद आसपास मौजूद हैं, लेकिन गठबंधन सेनाएं किसी सीरियाई सैन्य टुकड़ी को जानबूझकर निशाना नहीं बनाएगी, जिसकी मौजदगी के बारे में उसे पहले से पता हो. गठबंधन इस हमले और इससे जुड़ी हुई परिस्थितियों की समीक्षा करेगा कि क्या इससे कोई सबक लिया जा सकता है."

सीरिया में संघर्ष

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सीरियाई सैनिकों और विद्रोहियों के बीच संघर्षविराम उल्लंघन की कई घटनाएं हुईं हैं

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इससे पहले, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अगर बाद में पता चलता है कि अमरीकी हवाई हमले किसी ग़लती का नतीजा नहीं थे, तो इसकी वजह मास्को के साथ किसी सैन्य कार्रवाई में तालमेल बैठाने से इनकार करने वाला वाशिंगटन का अड़ियल रवैया है.

रूसी रक्षा मंत्री ने सीरियाई सेना जनरल कमांड के बयान का हवाला देकर बताया कि सीरियाई सेना पर गठबंधन सेनाओं के चार हवाई हमलों की वजह से आईएस आगे बढ़ गया है.

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों से सीरिया को लेकर अमरीका और रूस के बीच हुआ समझौता ख़तरे में पड़ गया है.

उधर सीरिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हवाई हमला 'निर्णायक सबूत है' कि अमरीका और उनके सहयोगी जिहादी समूहों का समर्थन करते हैं.

ब्रिटेन में स्थित सीरिया के हालातों पर नज़र रखने वाले समूह के मुताबिक़ हमले में कम से कम 80 लोगों की मौत हुई है.

रूस और अमरीका के बीच कई महीनों की बातचीत के बाद जिनेवा में नौ सितंबर को संघर्ष विराम के समझौते का ऐलान किया गया था. इसे सोमवार से लागू किया गया.

समझौते के मुताबिक़ अगर युद्ध विराम सात दिनों तक जारी रह जाता है तो अमरीका और रूस संयुक्त रूप से जिहादी चरमपंथी समूह ज़बाहत फतह अल-शाम पर हवाई हमले करेंगे.

यह चरमपंथी समूह पहले अल-नूसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था जो आईएस से अलग होकर बना था.

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