बांग्लादेश: प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पाकिस्तान से 'निराशा' जताई

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बांग्लादेश का कहना है कि वो विदेशी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों के समर्थन को लेकर पाकिस्तान से 'निराश' है.
अंग्रेज़ी दैनिक 'द हिंदू' से एक बातचीत में शेख हसीना ने कहा है कि हालांकि बांग्लादेश जिन कारणों से सार्क सम्मेलन से पीछे हटा वो भारत के अलग था.
द हिंदू को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान में मौजूदा हालात की वजह से अलग हुए. आतंकवाद (पाकिस्तान से) हर जगह गया है और यही वजह है कि हममें से कई पाकिस्तान से निराश हैं. भारत सार्क सम्मेलन में उड़ी हमले की वजह से अलग हुआ, लेकिन बांग्लादेश के लिए वजह कुछ और थे.'
इस्लामाबाद में नौ और दस नवंबर को आयोजित हो रहे सार्क सम्मेलन में भारत और बांग्लादेश सहित कई मुल्कों ने हिस्सा न लेने का एलान किया है.
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शेख हसीना 15 और 16 अक्टूबर को गोवा में ब्रिक्स और बिमस्टेक आउटरीच में हिस्सा ले रही हैं.
हसीना ने कहा बांग्लादेश 1971 के समय कुछ जमात-ए-इस्लामी लीडरों के अपराधों, और उनपर हो रही युद्ध अपराध न्यायिक प्रक्रिया पर पाकिस्तान की तीखी प्रक्रिया से भी नाराज था.
बांग्लादेश में युद्ध अपराध के लिए कई जमात-ए-इस्लामी के नेताओं को फांसी की सज़ा हुई है.
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शेख हसीना ने कहा, "मुझपर भारी दबाव है कि हम पाकिस्तान से सारे कूटनीतिक संबंध तोड़ लें. लेकिन मेरा कहना है कि रिश्ता रहेगा, और हमें अपनी समस्याओं का हल निकालना होगा. हक़ीक़त तो ये है कि हमने 1971 में पाकिस्तान के साथ आज़ादी की लड़ाई जीत ली थी."
उन्होंने बातचीत के दौरान 1971 युद्ध के दौरान और बाद में भारत के दोस्ताना रवैये की सराहना की.
'सर्जिकल स्ट्राइक' को लेकर उन्होंने कहा, "दोनों देशों को नियंत्रण रेखा की मर्यादा का पालन करना चाहिए. इसी से शांति बहाल होगी."
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं. दोनों देश के प्रतिनिधि भारत में शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे.
शेख हसीना ने इस मुलाक़ात को जरूरी बताया और कहा कि चीन से घनिष्ठ रिश्ते से दोनों देशों के बीच की क्षेत्रीय समृद्धि में इजाफ़ा होगा.
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ढाका में हुए चरमपंथी हमले पर उनका कहना था कि बांग्लादेश आतंकवाद को सहन नहीं करेगा.