विद्रोहियों ने आईएस के गढ़ पर 'कब्ज़ा' किया

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तुर्की समर्थित विद्रोहियों ने सीरियाई शहर दाबिक़ को इस्लामिक स्टेट के कब्ज़े से छुड़ा लिया है.
तुर्की-सीरिया की सीमा पर मौजूद छोटा सा शहर दाबिक़ इस्लामिक स्टेट के लिए ख़ासी अहमियत रखता है. यह तुर्की की सीमा से सिर्फ़ दस किलोमीटर की दूरी पर है.
ब्रिटेन में मौजूद सीरियाई मानवाधिकार पर्यवेक्षक दल का कहना है कि विद्रोहियों ने 'इस्लामिक स्टेट के पीछे हटने के बाद' दाबिक़ को अपने कब्ज़े में लिया है.
दाबिक़ इस्लामिक स्टेट के लिए इसलिए अहम है क्योंकि इस्लामी भविष्यवाणियों में इसे वो जगह बताया गया है जहां 'क़यामत के दिन मुस्लिमों और उनके दुश्मनों की जंग' होगी.
इस्लामिक स्टेट ने अपनी पत्रिका का नाम भी शहर के नाम पर दाबिक़ ही रखा है.
दाबिक़ को अपने कब्ज़े में लेना सीरियाई विद्रोहियों की व्यापक आक्रमक रणनीति का हिस्सा है.
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सीरियाई मानवाधिकार पर्यवेक्षक दल का कहना है कि दाबिक़ को बचाने के लिए 1200 इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी बुलाए गए थे.
अगस्त से तुर्की ने अपनी सीमा से सटे इलाकों को चरमपंथियों से मुक्त कराने के लिए आक्रामक मुहिम चला रखी है.
सितंबर में तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा था कि सीमा से सटे 91 किलोमीटर का क्षेत्र "पूरी तरह से सुरक्षित हैं और सभी चरमपंथी समूहों को पीछे धकेला जा चुका है."
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