अमरीकी चुनाव: मुद्दों पर ट्रंप और हिलेरी का पक्ष

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अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार कई मुद्दे हावी हैं. आपको बताते हैं कि इन अहम चुनावी मुद्दों पर दोनों प्रमुख उम्मीदवारों की क्या राय है.
कर:
हिलेरी क्लिंटन टैक्स का दायरा बढ़ाकर अमीरों और ग़रीबों की आमदनी का फ़र्क़ कम करना चाहती हैं. उन्होंने 50 लाख डॉलर सालाना से ज़्यादा आमदनी वालों पर चार फ़ीसद सरटैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही शेयर बाज़ार की कमाई पर लगने वाले कैपिटल गेन्स टैक्स को भी बढ़ाने का हिलेरी ने प्रस्ताव रखा है.
वो अमीरों से टैक्स वसूली की राह के रोड़ों को दूर करने की भी बात करती हैं. साथ ही मध्यम वर्ग को रिझाने के लिए हिलेरी क्लिंटन, सेहत और शिक्षा के खर्च को घटाने की बात करती हैं.
टैक्स के मामले में डोनल्ड ट्रंप अमीरों और कारोबारियों के साथ खड़े दिखते हैं. वो कॉरपोरेट टैक्स की मौजूदा दरें घटाने की वक़ालत करते हैं. साथ ही वो संपत्ति कर पूरी तरह से ख़त्म करने की बात करते हैं.
ट्रंप ने निजी इन्कम टैक्स की रियायत बढ़ाने की बात भी कही है. जानकार मानते हैं कि अगर ट्रंप की नीतियों पर अमल हुआ तो सिर्फ़ उनकी टैक्स नीति से अमरीकी सरकार के ख़ज़ाने को क़रीब छह खरब डॉलर का नुक़सान होगा.

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रोज़गार:
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डोनाल्ड ट्रंप- रोज़गार के मसले पर भी डोनाल्ड ट्रंप लंबे-चौड़े वादे कर रहे हैं. उन्होंने 10 साल में ढाई करो़ड़ नौकरियां देने का वादा किया है. ट्रंप के मुताबिक़ अमरीकी नागरिकों की नौकरियां दूसरे देश हड़प रहे हैं.
इसके लिए ज़रूरी है कि बड़ी कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में रियायत दी जाए जिससे वो अपना काम दूसरे देशों को आउटसोर्स करने की बजाय अमरीका में ही नौकरियों के मौके मुहैया कराएं.
हिलेरी क्लिंटन--वो छोटे कारोबार, तकनीक, और आधुनिक निर्माण जैसे क्षेत्रों में पैसा लगाकर वहां रोज़गार पैदा करने की बात कर रही हैं.
साथ ही वो रोज़गार के लिए बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत पर भी ज़ोर दे रही हैं. इसके लिए वो अमीरों पर टैक्स लगाने की बात करती हैं.
इमिग्रेशन (अप्रवासियों का मामला):
अमरीका में बाहर से आकर बसने वालों का मामला हमेशा से सियासी विवाद में रहा है.
डोनल्ड ट्रंप इस मामले में सख़्त नीति अपनाने की वक़ालत करते हैं. उनका कहना है कि वो अमरीका और मेक्सिको की सीमा पर दो हज़ार मील लंबी दीवार बनवाएंगे जिसे कोई फांद नहीं सकेगा.
साथ ही ट्रंप क़ानूनी तरीक़े से अमरीका आने वालों की तादाद भी कम करना चाहते हैं. मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अप्रवासियों के मामले में रियायत वाली जो भी नीतियां अपनाईं थीं, ट्रंप उन्हें पलटना चाहते हैं. वो ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से अमरीका में रह रहे अप्रवासियों से सख़्ती से निपटने की वक़ालत करते हैं.
हालांकि ऐसे एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को अमरीका से निकाल बाहर करने की बात से अब ट्रंप पीछे हट गए हैं. साथ ही मुसलमानों के लिए अमरीका के दरवाज़े बंद करने की अपनी बात पर भी फिलहाल ट्रंप ने चुप्पी साध रखी है.
वहीं, हिलेरी क्लिंटन, अमरीका की अप्रवासी नीति में आमूलचूल बदलाव की वक़ालत करती हैं. वो ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से अमरीका में रह रहे अप्रवासियों का हिसाब लगाकर उन्हें क़ानूनी दस्तावेज़ और नागरिकता देने के पक्ष में हैं. वो ऐसे लोगों को क़ैद करने के लिए चलाए जा रहे निजी क़ैदखानों का विरोध करती हैं.
विदेश नीति:

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हिलेरी क्लिंटन मानती हैं कि अमरीका को दुनिया पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए अपने दखल का दायरा बढ़ाना चाहिए. वो सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ युद्ध जारी रखने और अफ़ग़ानिस्तान को सैन्य मदद देने की वक़ालत करती हैं. वो यूरोप में रूस से निपटने के लिए नैटो को और मज़बूत बनाने की समर्थक हैं.
डोनल्ड ट्रंप रूस के साथ बेहतर संबंध की वक़ालत करते हैं. इस्लामिक स्टेट से सख़्ती से निपटने के हामी ट्रंप चाहते हैं कि अमरीका इस्लामिक स्टेट के सफाए के लिए अपनी सेना अरब देशों में भेजे.
शरणार्थी:
डोनल्ड ट्रंप मध्य पू्र्वी देशों से आने वाले लोगों को अमरीका में शरण देने के ख़िलाफ़ हैं. वो कहते हैं कि अरब देशों से आ रहे शरणार्थियों के बारे में पहले पक्की जांच-पड़ताल करनी चाहिए, तभी उन्हें अमरीका में घुसने देना चाहिए.
हिलेरी क्लिंटन शरणार्थियों को लेकर नरम रवैये की बात करती हैं. वो कहती हैं कि अमरीका को सीरिया से सालाना 10 हज़ार शरणार्थियों की बजाय 65 हज़ार लोगों को आकर अमरीका में बसने की इजाज़त देनी चाहिए.
हिलेरी के मुताबिक़ अमरीका हमेशा से ही ज़ुल्म और हिंसा के शिकार लोगों की मदद करता रहा है. उसे अपनी ये नीति जारी रखनी चाहिए

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जलवायु परिवर्तन:
हिलेरी क्लिंटन के मुताबिक़ धरती की बदलती आबोहवा अमरीका के लिए ख़तरा है. वो इस ख़तरे से निपटने के लिए तेल और गैस इंडस्ट्री में पर्यावरण के सख़्त नियमों की वक़ालत करती हैं.
वो अमरीका के अलास्का प्रांत में तेल के लिए और खुदाई करने की भी विरोधी हैं. हालांकि शेल गैस और तेल निकालने पर किसी पाबंदी का हिलेरी क्लिंटन विरोध करती हैं.
वहीं डोनल्ड ट्रंप ने पर्यावरण के मसले पर कोई ठोस राय सामने नहीं रखी है. हालांकि वो इंसान के दखल से धरती का तापमान बदलने की बातों को अफवाह कहते हैं. ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने पर पेरिस जलवायु समझौते को रद्द करने की बात भी कही है
गर्भपात:
हिलेरी क्लिंटन 20 हफ़्ते से ज़्यादा के गर्भ के अबॉर्शन की विरोधी हैं. वो गर्भपात को लेकर किसी तरह का नया क़ानून बनाने का भी विरोध करती हैं
डोनल्ड ट्रंप का कहना है कि गर्भपात को पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी बनाया जाना चाहिए. वो गर्भपात कराने वाली महिलाओं को सज़ा देने की वक़ालत करते हैं, हालांकि वो मां की जान पर ख़तरा, बलात्कार और रिश्तेदारों की ज़बरदस्ती से होने वाली प्रीगनेंसी के गर्भपात के समर्थक हैं.

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क़ानून-व्यवस्था:
हिलेरी क्लिंटन ऐसे क़ानूनों की वक़ालत करती हैं जो जाति और नस्ल के आधार पर भेदभाव करते हैं. वो नशे के ग़ैरक़ानूनी कारोबार में लगे अहिंसक लोगों को जेल भेजने की बजाय उनके सुधार की समर्थक हैं.
डोनल्ड ट्रंप अपराधियों से सख़्ती से निपटने के समर्थक हैं. ट्रंप के मुताबिक़ नेताओं में इच्छाशक्ति की कमी के चलते ही पुलिस आज अपराधियों से नहीं निपट पा रही है.
ट्रंप का मानना है कि धर्म और नस्ल के आधार पर लोगों से निपटना ज़रूरी है ताकि अमरीका में आतंकवादी हमले रोके जा सकें. आमतौर पर ट्रंप का निशाना मुसलमानों पर रहता है.
बच्चों की देखभाल:
हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि किसी भी परिवार को बच्चों की परवरिश पर आमदनी का 10 फ़ीसद से ज़्यादा ख़र्च करने की ज़रूरत नहीं. वो कम आमदनी वाले परिवारों को बच्चे पालने में सरकारी मदद देने की वक़ालत करती हैं.
डोनल्ड ट्रंप छह हफ़्ते की मैटरनिटी लीव देने की बात करते हैं. इस दौरान महिलाओं को सरकार से भी मदद मिलेगी, हालांकि ट्रंप प्रीग्नेंसी के दौरान मर्दों को किसी तरह की रियायत देने के समर्थक नहीं हैं.
हथियारों का क़ानून:
अमरीका में हाल में हुई शूटआउट की कई घटनाओं के बाद हिलेरी क्लिंटन हथियार रखने के क़ानूनों में और सख़्ती की समर्थक हैं. वो कहती हैं कि ऐसे हथियार रखने पर रोक लगनी चाहिए जिससे दूसरों पर हमला किया जा सके.
वो ये सफ़ाई भी देती हैं कि बंदूकें रखने के सख़्त नियम होने से अमरीका के दूसरे संविधान संशोधन पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा. अमरीका का दूसरा संविधान संशोधन हर अमरीकी नागरिक को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखने की आज़ादी देता है.
डोनल्ड ट्रंप का आरोप है कि हथियार रखने के क़ानून में सख़्ती की बात करके हिलेरी, अमरीकी नागरिकों की आज़ादी छीनना चाहती हैं. वो अपने समर्थकों को भरोसा देते हैं कि उनके राष्ट्रपति बनने पर संविधान का दूसरा संशोधन पूरी तरह सुरक्षित रहेगा.
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