रूस को अमरीकी चुनाव की निगरानी की आज्ञा न मिली

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रूस ने अमरीकी चुनाव में वोटिंग के दौरान अधिकारी तैनात करने की इजाज़त मांगी थी.
अमरीका के तीन राज्यों ने रूस की उस गुज़ारिश को नामंज़ूर कर दिया है जिसमें रूस ने आठ नवंबर को होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव की निगरानी करने की इच्छा जा़हिर की थी.
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने रूस की गुज़ारिश को 'पब्लिसिटी स्टंट' बताया है.
चुनाव प्रचार के दौरान आरोप लगे हैं कि रूस अमरीकी चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है.
बुधवार को दोनों उम्मीदवारों के बीच हुई डिबेट में हिलेरी क्लिंटन ने डोनल्ड ट्रंप को सीधे तौर पर चैलेंज किया कि वो रूस की हैकिंग की निंदा करें.
रूस ने अमरीकी चुनाव को प्रभावित करने के आरोपों से इंकार किया है.
रूस के कांसुलेट जनरल ने तीनों राज्यों - ओक्लाहामा, टेक्सस और लुइज़ियाना से कहा था कि वो अमरीकी चुनाव का अध्ययन करने के लिए वोटिंग के समय अधिकारी तैनात करना चाहते हैं.
ओक्लाहोमा ने रूस को दिए जवाब में कहा है कि राज्य के क़ानून के मुताबिक़ वोटिंग के समय चुनाव अधिकारी और मतदाता के अलावा किसी और को मौजूद रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.
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आख़िरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में रूस के मुद्दे पर भिड़े थे डोनल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन.
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी के मुताबिक़ रूस को ऑर्गनाइज़ेशन फ़ॉर सिक्योरिटी एंड कापरेशन इन यूरोप की टीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया.
जॉन किरबी ने कहा, "जब उन्होंने इस निगरानी टीम का हिस्सा बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो उससे साफ़ है कि ये पूरा मामला पब्लिसिटी स्टंट से ज़्यादा कुछ नहीं है."
रूसी अख़बार इज़वेस्टिया ने एक चुनाव अधिकारी के हवाले से कहा है कि अमरीकी विदेश मंत्रालय 'रूस के हौवे की अपनी प्रवृति' के तहत उसकी निगरानी टीम को रोकने की कोशिश कर रहा है.
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