पाक ने भारत की तरफ उंगली उठाई

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पाकिस्तान के क्वेटा शहर में हुए चरमपंथी हमले में जिन लोगों की मौत हुई उन्हें दफ़नाया जा रहा है.
क्वेटा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर हुए हमले में ट्रेनिंग ले रहे 61 जवानों की मौत हो गई थी. सेंटर पर तीन आत्मघाती हमलावारों ने धावा बोला था, दो ने ख़ुद को विस्फोट से उड़ा लिया.
जवाबी कार्रवाई में तीसरे हमलावर की मौत हो गई.
तथाकथित इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तानी तालिबान के एक गुट ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी का दावा किया है.
इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता मोहम्मद इलियास खान के अनुसार क्वेटा में पहले भी चरमपंथी हमले होते रहे हैं. लेकिन पहले हमलावर मुख्य रूप से शिया मुसलमानों को ही निशाना बनाते थे.
पर अब ऐसा नहीं हो है. शिया के अलावा दूसरे समुदाय को भी निशाना बनाया जा रहा है.
क्वेटा में अगस्त महीने में एक अस्पताल और वकीलों पर किए गए हमले में 88 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि इस बार जवानों पर हमले हुए हैं.
संवाददाता के अनुसार इन हमलों के बाद दो बातें हुई हैं.
पहला, पाकिस्तानी अधिकारियों ने पाकिस्तान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि वह अफ़ग़ान इलाक़ों का उपयोग कर बलूचिस्तान में शांति भंग कर रहा है.
दूसरे, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अफ़ग़ान तालिबान के क्वेटा स्थित सुरक्षित ठिकानों की तरफ ध्यान बढ़ गया है.
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कई लोगों ने संकेत दिए हैं कि क्वेटा हमले के बाद अस्तित्व के संघर्ष का सवाल केंद्र में आ गया है. इस संघर्ष में क्षेत्रीय शक्तियां और हमलावरों का नेटवर्क शामिल है.
आखिर क्वेटा पर चरमपंथी हमले क्यों हो रहे हैं ?
इस्लामिक स्टेट से जुड़ी समाचार एजेंसी अमाक का कहना है कि यह हमला उसके लड़ाकों ने किया है. उन्होंने इससे जुड़ी तीन बंदूकधारियों की तस्वीरें भी जारी की.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ एजेंसी ने जिस मारे गए बंदूकधारी की तस्वीर दिखाई, जिसे पुलिसकर्मी ट्रेनिंग सेंटर के भीतर ले गए थे, वह अमाक की ओर से जारी हमलावरों की तस्वीरों में से एक हमलावर से मेल खाती हैं.
हालांकि पाकिस्तानी तालिबान के एक गुट हकीमुल्लाह समूह ने भी बयान जारी किया है और पुलिस ट्रेनिंग सेंटर हमले की ज़िम्मेदारी ली है.
तो कराची के अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार कराची तालिबान, जिसे कम लोग जानते हैं, का कहना है कि क्वेटा हमला उसने किया है.
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इससे पहले पाक अधिकारियों ने लश्कर-ए-झंगवी चरमपंथी समूह के एक गुट पर आरोप लगाया था और कहा था कि क्वेटा के हमलावर अफ़गानिस्तान में सक्रिय इस समूह के साथ संपर्क में थें.
लश्कर-ए-झंगवी पाकिस्तान के सुन्नी मुसलमानों का ख़तरनाक़ चरमपंथी संगठन है.
हाल के वर्षों में क्वेटा अलगाववादियों और अलग अगल चरमपंथी गुटों के हमले का शिकार होता रहा है.
वीडियो, क्वेटा हमले के मरीज़ों का हाल
क्वेटा हमले के मरीज़ों को क्वेटा ज़िला अस्पताल में भर्ती करवाया गया हैं. वहां पहुंची बीबीसी संवाददाता सबा एतज़ाज़ ने अस्पताल में मरीज़ों का हाल जाना