टूट गए थे सारे दांत, फिर ऐसे लौटी मुस्कान

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तीन साल की उम्र में कैवेटीज़ की वजह से रेयान ने ज़्यादातर दांत खो दिए थे
6 साल के रेयान कुटिन्हो मुस्कराने के आदी नहीं थे. तीन साल की उम्र में अपने सारे दांत खो देने के बाद उन्हें मुस्कराने में शर्म आती थी.
लेकिन अब वो खुलकर हंसते हैं और दांत दिखाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते.
लेकिन रेयान की दांतों की डॉक्टर यानी डेंटिस्ट अमांडा मटोस ने बताया कि रेयान की हंसी लौटाना आसान नहीं था.
रेयान उत्तर-पूर्वी ब्राज़ील के एक पिछड़े ग्रामीण इलाक़े गॉजेरू में रहते हैं.
कम उम्र में दांतों के सड़ने की वजह से उन्होंने अपने ज़्यादातर दांत खो दिए थे. बस निचले मसूड़ों में ही कुछ दांत बचे थे.
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रेयान की टीचर के अनुसार दांत लगने से पहले वो बहुत कम मुस्कुराते थे
अमांडा मटोस दो साल पहले रेयान से लड़कों के स्कूल में एक सामाजिक प्रोजेक्ट के दौरान पहली बार मिलीं थी.
रेयान की टीचर ने उन्हें बताया कि वो मुस्कराने से बचता है और बाकी लोगों से घुलता-मिलता नहीं हैं.
अमांडा ने बीबीसी को बताया कि ''मैंने पहले कभी इस तरह की चीज़ नहीं देखी.''
अमांडा टीचर के ज़रिए रेयान की मां से मिलीं और इलाज का प्रस्ताव रखा.
लेकिन उन्होंने मना कर दिया, उनको लगता था कि उनका बेटा अपने ऑपरेशन के पलों को बार-बार महसूस करेगा.
डेंटिस्ट का कहना था कि ''वो सभी बहुत संकोची थे, शहर के बाहर रहते थे और ऑपरेशन की प्रक्रिया को नहीं समझते थे. वो दांतों को निकालने की प्रक्रिया से डरे हुए थे.''
रेयान की कहानी यहीं ख़त्म हो जाती लेकिन दो साल बाद संयोग से उनकी मां को उसी सार्वजनिक क्लीनिक में सफाई कर्मचारी की नौकरी मिल गई जहां डेंटिस्ट अमांडा मटोस काम करती थीं.
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रेयान की कहानी ब्राज़ील में वायरल हो गई
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
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अमांडा ने बताया ''मैंने रेयान से पूछा उसे क्या चाहिए, वो मु्स्कराए और कहा ' एक मुस्कराहट, जो मेरे दोस्तों की तरह हो."
लेकिन रेयान की मां अब भी इलाज के लिए तैयार नहीं थीं. फिर उन्होंने रेयान के पिता से बात की और वो इलाज के लिए तैयार हो गए.
रेयान के इलाज के लिए शहर की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा की तरफ से भुगतान नहीं किया गया, इसलिए अमांडा ने अपने निजी क्लीनिक पर पर उनका मुफ्त इलाज किया.
कई हफ्तों तक रेयान इलाज के लिए आता रहा, लेकिन दांतों को देखकर निराश हो जाता.
14 अक्टूबर को ब्राज़ील के बाल दिवस के ठीक दो दिन बाद रेयान को वो मुस्कान मिल ही गई. उसके ऊपरी मसूड़ों में नकली दांत फिट कर दिए गए.
डेंटिस्ट ने कहा, ''हम सब रो दिए. वो दिल को छूने वाला था.''
अमांडा ने बताया कि रेयान के स्थाई दांत कभी नहीं आएंगे. जब वो 18 साल के होंगे तब वो डेंटल इम्प्लांट करवा सकते हैं. उनका कहना हैं वो तब भी उनकी सहायता करेंगी.
अमांडा ने ये कहानी फेसबुक पर शेयर की और ब्राज़ील में ये वायरल हो गई.
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