चीन ने हांगकांग के दो सांसदों पर रोक लगाई

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आज़ादी समर्थक सांसद सिक्टस लेउंग और वाई-चिंग
चीन ने हांगकांग की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप करते हुए यहां के चुने हुए दो प्रतिनिधियों के कार्यभार संभालने पर रोक लगा दी है.
आज़ादी समर्थक सांसद सिक्टस लेउंग और वाई-चिंग ने शपथ लेते वक्त चीन के साथ निष्ठा रखने से इनकार कर दिया था.
चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि चीन ने हांगकांग के क़ानून की व्याख्या करते हुए कहा है कि जो भी प्रतिनिधि सही तरीके से शपथ नहीं लेगा उसे कार्यभार नहीं संभालने दिया जाएगा.
हफ्तों से हांगकांग में जारी भारी सियासी उथल-पुथल के बाद चीन ने यह कदम उठाया है.
हांगकांग में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. रविवार की रात कई जगहों पर हाथापाई भी हुई और कम से कम चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. कहा जा रहा है कि चीन का 1997 के बाद हांगकांग में यह सबसे आक्रामक हस्तक्षेप है.
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चीन का कहना है कि वह क़ानूनी अधिकारों के तहत कदम उठा रहा है, लेकिन हांगकांग में ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह चीन की मनमानी है.
बीबीसी के हेलिर चेउंग का मानना है कि चीन के इस कदम से आज़ादी समर्थक नेताओं में गुस्सा और भड़केगा. चेउंग ने यहां चीन के खिलाफ और विरोध-प्रदर्शन की भी आशंका जताई है.
ये दोनों प्रतिनिधि यंगस्पाइरेशन पार्टी से हैं. इस पार्टी ने ही 2014 में लोकतंत्र के समर्थन में व्यापक आंदोलन चलाया था. इनकी मांग है कि हांगकांग से चीन की मौजूदगी खत्म होनी चाहिए.
ये दोनों इस साल की शुरुआत में चुने गए थे. इन्होंने शपथ लेने की कई बार कोशिश की, लेकिन इन्होंने हर बार शपथ की शब्दावली बदल दी थी. इसके साथ ही उन्होंने आज़ादी के समर्थन में बैनर भी लहराए थे. इसी वजह से इनकी शपथ को अमान्य करार दिया गया था.
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