'आईएस ने 40 लोगों के शवों को खंभों से लटकाया'

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इरकी सेना के क़ब्ज़े से छुड़ाया गया आईएस का घर
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मंगलवार को उत्तरी इराक़ के शहर मूसल में कथित इस्लामिक स्टेट यानी आईएस ने कथित तौर पर 40 नागरिकों की देशद्रोह के आरोप में गोली मार कर हत्या कर दी.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इसके बाद उन लोगों के शवों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में बिजली के खंभों पर लटका दिया.
ख़बर है कि मध्य मूसल में एक आदमी को इसलिए आईएस ने मार दिया क्योंकि वो प्रतिबंध होने के बावजूद मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल कर रहा था.
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इराक़ी सेना लगातार आईएस के क़ब्ज़े से मूसल को छुड़वाने की कोशिश कर रही है.
40 नागरिकों को देशद्रोह के साथ-साथ नारंगी रंग के कपड़े पर एजेंट लाल रंग से धोखेबाज़ और इराक़ी सेना के एजेंट शब्द लिखे होने के आरोप थे.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि बुधवार शाम को भी मूसल के घाबट सैन्य अड्डे पर 20 नागरिकों की गोली मार कर हत्या कर दी गई. उन पर जानकारियां लीक करने का आरोप लगाया गया.
संयुक्त राष्ट्र ने चिंता ज़ाहिर की है कि आईएस किशोर लड़कों को आत्मघाती हमलावर बनाकर तैनात कर रहा है. बुधवार को जारी किए गए एक वीडियो में बच्चे कुछ लोगों को जासूसी के आरोप में मारते दिखाई दिए हैं.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आईएस ने 6 नवंबर को उन सात चरमपंथियों का सर कलम करने की घोषणा की जो पूर्वी मूसल के कोकजली प्रांत में युद्ध का मैदान छोड़कर भाग रहे थे.
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त ज़ैद राद-हुसैन ने सरकार से कहा ''आईएस के क़ब्ज़े से वापस लिए गए इलाक़ों में क़ानून व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए जिससे पकड़े गए लड़ाकों और उनके समर्थकों पर क़ानून के हिसाब से फौरन कार्रवाई की जाए.''
संयुत राष्ट्र का कहना है कि आईएस ने बड़ी मात्रा में अमोनिया और सल्फर नागरिकों का आसपास इकट्ठा किए हैं जिससे वो रासायनिक हथियार बना सकें.
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