गवर्नर पर क़ुरान की बेइज़्ज़ती का आरोप

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बसुकी चहाया पुरनामा दूसरी बार जकार्ता के गवर्नर का चुनाव लड़ रहे हैं.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के गवर्नर बसुकी चहाया पुरनामा को ईश-निंदा के एक मामले में संदिग्ध बनाया गया है.
वे इंडोनेशिया में अहोक के नाम से भी मशहूर हैं. उन पर गवर्नर पद के चुनाव प्रचार के दौरान क़ुरान की बेइज़्ज़ती का इल्ज़ाम है.
पुरनामा चीनी मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के ईसाई हैं और जकार्ता के गवर्नर बनने वाले पहले ग़ैर-मुस्लिम भी हैं. वो दूसरी बार इस पद की दौड़ में हैं.
सितंबर में पुरनामा ने कहा था, ''जो इस्लामिक गुट क़ुरान की आयत का इस्तेमाल कर लोगों को मुझे वोट देने से रोक रहे हैं, वो वोटरों को धोखा दे रहे हैं.''
कई लोग क़ुरान की आयत का जो अर्थ निकाल रहे हैं, उसके मुताबिक़ मुसलमानों को किसी ग़ैर-मुस्लिम नेता के नेतृत्व में नहीं आना चाहिए.
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने जोको विडोडो की जगह पुरनामा जकार्ता के गवर्नर बने थे.
इस्लामिक गुटों का कहना है कि पुरनामा ने क़ुरान की निंदा की है और पुलिस में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. बाद में पुरनामा ने माफ़ी भी मांगी थी.
इसी महीने पुरनामा के इस्तीफ़े और उन पर मुक़दमा चलाने की मांग को लेकर क़रीब एक लाख लोगों ने एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
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चार नवंबर को पुरनामा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए थे.
मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में इस मामले से तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ उनके कड़े रुख़ की वजह से उनकी लोकप्रियता बरक़रार है.
उन्हें ईश निंदा का दोषी पाए जाने पर पांच साल क़ैद की सज़ा हो सकती है. पुलिस ने कहा है कि पुरनामा की गिरफ़्तारी की इस्लामिक गुटों की मांग के बावजूद उन्हें सिर्फ़ हिरासत में लिया जाएगा.
जांच के दौरान उनके देश छोड़ने पर रोक रहेगी, लेकिन उन्हें अगले साल फ़रवरी में दोबारा गवर्नर का चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा रहा.
पुरनामा ने पत्रकारों को बताया, "ये अंत नहीं है, उम्मीद है कि खुली अदालत में मामला चलेगा. हम फिर भी चुनाव में हिस्सा लेंगे."
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