तुर्की ने शरणार्थियों को लेकर ईयू को दी धमकी

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तुर्की के राष्ट्रपति रचेप तैय्यप अर्दोआन ने चेतावनी दी है कि अगर यूरोपीय संघ ने दबाव बनाया तो वो हज़ारों प्रवासियों के लिए तुर्की के दरवाज़े खोल देंगे ताकी वो यूरोप में दाखिल हो सकें..

अर्दोआन यूरोपीय संघ में तुर्की की सदस्यता को लेकर बातचीत पर रोक लगाने के लिए यूरोपीय पार्लियामेंट में अबाध्यकारी मतदान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.

अर्दोआन ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ को चेतावनी देते हुए कहा, "मेरी बात सुनिए. अगर आप इसके आगे बढ़े तो सीमा के इन दरवाज़ों को खोल दिया जाएगा."

राष्ट्रपति अर्दोआन ने यूरोपीय संघ पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाया.

मार्च में हुए समझौते के तहत तुर्की को मदद, तुर्की के नागरिकों को यूरोप की वीज़ा मुक्त यात्रा की अनुमति देने और यूरोपीय संघ में तुर्की की सदस्यता को लेकर बातचीत में तेज़ी लाने का वादा किया गया था.

प्रवासियों के आने पर रोक लगाने के लिए मार्च में यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच समझौता हुआ था. उसके बाद से ग्रीस पहुंचने वाले प्रवासियों की संख्या में कमी आई है.

प्रवासी छात्र

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जर्मनी की चासंलर एंगेला मर्केल की प्रवक्ता उलरीक डेमर ने कहा कि ये समझौता 'सभी पक्षों के हित में है' और 'किसी भी पक्ष की ओर से धमकी दिए जाने से इसमें मदद नहीं मिलेगी.'

तुर्की में फिलहाल तीस लाख प्रवासी हैं. इनमें से ज्यादातर सीरिया से हैं. बीते साल करीब दस लाख प्रवासी यूरोप में दाखिल हुए थे. इनमें से अधिकतर तुर्की के रास्ते गए थे.

मार्च में हुए समझौते के तहत ग्रीस पहुंचने वाले प्रवासी अगर शरण के लिए आवेदन नहीं करते हैं या फिर उनका दावा खारिज़ हो जाता है तो उन्हें तुर्की वापस भेज दिया जाता है.

तुर्की वापस भेजे जाने वाले सीरिया के हर प्रवासी के बदले यूरोपीय यूनियन को वैध तरीके से आवेदन करने वाले एक अन्य सीरियाई प्रवासी को लेना होता है.

तुर्की के चरमपंथ रोधी कानून में बदलाव से इनकार करने की वजह से वीज़ा मुक्त यात्रा कोशिश सिरे नहीं चढ़ पा रही है. यूरोप में कई देशों ने सत्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद तुर्की की सख्ती की आलोचना की है.

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