नज़रिया: 'अमरीका और पाकिस्तान के रिश्ते तुरत-फुरत नहीं सुधरेंगे'
- मुशर्रफ़ ज़ैदी
- इस्लामाबाद के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार

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अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत ख़ासी चर्चा में है.
पाकिस्तान प्रेस इनफ़ॉर्मेशन ब्यूरो ने एक प्रेस बयान में कहा है कि ट्रंप ने नवाज़ शरीफ़ की तारीफ़ की है, कहा है कि पाकिस्तान एक शानदार देश है और पाकिस्तान के लोग सबसे समझदार लोग हैं.
मेरा मानना है कि मुल्कों के बीच जो समस्याएं होती हैं, उन्हें निजी रिश्तों के आधार पर नहीं सुलझाया जा सकता है.
इसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की हाल की कोशिश.
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को न्योता दिया था. ऐसा लगा कि दोनों के बीच एक दोस्ताना रिश्ता बन रहा है.
पर जल्द ही दोनों देशों के रिश्तों में तल्ख़ी आ गई. फिर संबंध बिगड़ते चले गए.
अमरीका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से बात की, यह अच्छा है.
यह परंपरा है कि जब दो देशों के बड़े नेता एक-दूसरे से बात करते हैं तो बड़े ही प्यार से बात करते हैं. एक-दूसरे की तारीफ़ करते हैं. पर इसका मतलब यह नहीं कि नई दोस्ती शुरू होने वाली है. यह जरूरी नहीं कि दोनों देशों के रिश्ते भी बेहतर हो जाएं.
अमरीका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते वैसे भी पुराने और गहरे रहे हैं.

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पाकिस्तान और अमरीका के बीच सैन्य संबंध हैं. शरीफ़ के ज़हन में यह बात रही ही होगी. वे ट्रंप से यह उम्मीद कर रहे होंगे कि वहां का प्रशासन पाकिस्तान की चुनी गई नागरिक सरकार को ज्यादा अहमियत दें.
अमरीका के चुनाव का मतलब है कि वहां के लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है, बेहतरी की ओर जाएं. यह जरूरी है कि ट्रंप जहां जाएं, वहां उनके ख़िलाफ़ नारे न लगाए जाएं, उनका स्वागत हो.
यह तो साफ है कि दोनों देशों के बीच कुछ चीजें बदलेंगी. जहां तक बड़े मुद्दों या फ़ैसलों की बात है, वे बहुत जल्दी नहीं बदलेंगी. इसकी वजह यह है कि देशों के अपने हित होते हैं, वे सरकार बदलने से ही नहीं बदल जाते. उन पर तुरत-फुरत कोई फ़ैसला नहीं हो सकता. ये चीजें एक महीने में नहीं बदल जाएंगी.
पाकिस्तान और अमरीका के बीच जो दूरियां बन गई हैं, वे फ़िलहाल वैसी ही रहेंगी. उन्हें एक-दूसरे से जो शिकायतें हैं, वे भी बनी रहेंगी.
(बीबीसी संवाददाता संदीप सोनी से हुई बातचीत पर आधारित)