'पाकिस्तान भारत से बातचीत की भीख नहीं मांग रहा'

  • इक़बाल अहमद
  • बीबीसी संवाददाता
जनरल क़मर जावेद बाजवा

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जनरल क़मर जावेद बाजवा

पाकिस्तानी मीडिया में इस हफ़्ते पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की बहाली, भारत-पाक नियंत्रण रेखा पर फ़ायरिंग और भारत में पाक उच्चायुक्त के इंटरव्यू की चर्चा रही है.

पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से जुड़ी ख़बरें लगभग पूरे हफ़्ते ही अख़बारों में छाई रहीं.

जनरल क़मर जावेद बाजवा ने 29 नवंबर को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ़ की जगह सेना की कमान संभाली थी.

अख़बार नवा-ए-वक़्त लिखता है नए सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने विश्वास दिलाया है कि एलओसी पर हालात जल्द ही बेहतर होंगे.

जनरल बाजवा ने भारत-पाक नियंत्रण रेखा के क़रीब अग्रिम मोर्चों का दौरा किया. उन्होंने वहां तैनात जवानों से मुलाक़ात की और उन्हें संबोधित भी किया.

अख़बार लिखता है कि जनरल बाजवा के मुताबिक़ इस पूरे क्षेत्र में स्थाई शांति के लिए ज़रूरी है कि कश्मीर समस्या का हल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की शर्तों और कश्मीरी जनता की मर्ज़ी के अनुसार किया जाए.

भारत-पाक संबंधों से जुड़ी ख़बरें भी लगभग पूरे हफ़्ते छपती रहीं.

अख़बार एक्सप्रेस ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के भारतीय अख़बार द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू के हवाले से ख़बर छापी है.

एक्सप्रेस के मुताबिक पाकिस्तान बातचीत के लिए भारत से भीख नहीं मांग रहा है और हार्ट ऑफ़ एशिया कॉन्फ़्रेंस के दौरान भारत से संबंध सुधरने की कोई उम्मीद नहीं हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर हार्ट ऑफ़ एशिया कॉन्फ़्रेंस में शामिल होने के लिए अमृतसर पहुंचे नवाज़ शरीफ़ के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की है.

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मोदी ने सम्मेलन में आए सभी लोगों के सम्मान में रात्रि भोज आयोजित किया था जिसमें सरताज अज़ीज और मोदी की मुलाक़ात हुई. रोज़नामा पाकिस्तान लिखता है कि मोदी ने नवाज़ शरीफ़ का हाल-चाल पूछा है.

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अमरीका में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पाकिस्तान से संबंधों पर होने वाले असर का भी ज़िक्र कई अख़बारों में रहा.

अख़बार जंग लिखता है कि पाक-अमरीकी संबंध पेचीदा हैं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट के हवाले से अख़बार लिखता है कि एक समय राष्ट्रपति बराक ओबामा पाक दौरा करना चाहते थे लेकिन फिर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया.

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अख़बार लिखता है कि अल-क़ायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की धरती पर अमरीकी सैन्य कार्रवाई के बाद दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं.

अख़बार के मुताबिक़ जोश अर्नेस्ट ने कहा कि ट्रंप भी सत्ता संभालने के बाद अमरीकी विदेश मंत्रालय की बात सुनेंगे.

ट्रंप और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के बीच टेलीफ़ोन पर हुई बातचीत भी सभी अख़बारों के पहले पन्ने पर रही.

ज़्यादातर अख़बारों के मुताबिक़ दोनों नेताओं के बीच बहुत ही अच्छी बातचीत हुई और ट्रंप ने पाकिस्तान और पाकिस्तानी जनता की जमकर तारीफ़ की.

कई अख़बार ने ट्रंप के हवाले से ये भी छापा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे पर जो तनाव है उसे ट्रंप हल करने में मदद करने को तैयार हैं.

लेकिन रोज़नामा एक्सप्रेस ने ट्रंप की टीम के एक सदस्य के बयान के हवाले से ख़बर छापी है कि नवाज़ शरीफ़ और डोनल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत को पाकिस्तान ने बहुत बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है.

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अख़बार लिखता है कि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के पूरे ब्यौरे को सार्वजनिक करना कूटनीति के तयशुदा सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है और अमरीकी मीडिया में इसकी जमकर आलोचना हुई.

अख़बार के मुताबिक़ ट्रंप की टीम ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के ज़रिए बातचीत का जो ब्यौरा मीडिया के सामने पेश किया गया उसमें बहुत सारी ऐसी बातें थीं जो ट्रंप ने नहीं कहीं थीं या कम से कम उनके कहने का मतलब वो नहीं था जिस तरह से पाकिस्तान बयान दे रहा है.

भारत की बात करें तो यहां से छपने वाले ज़्यादातर उर्दू अख़बारों में नोटबंदी का मुद्दा ही छाया रहा.

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रोज़नामा जदीद ख़बर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मोदी पर दिए गए बयान को पहले पन्ने पर जगह दी है.

अख़बार के मुताबिक़ राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी टीआरपी की सियासत में मसरूफ़ हैं और नोटबंदी करके मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी है.

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वहीं रोज़नामा इंक़लाब ने मोदी के एक बयान पर सुर्ख़ी लगाते हुए लिखा है, ''मोदी का एक और शोशा, जनधन एकाउंट में आया काला धन एकाउंट होल्डर्स रख लें.''

रोज़नामा हिंदुस्तान एक्सप्रेस लिखता है कि मोदी ने जनता से अपील की है कि वो कालेधन और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ क्रांति का नेतृत्व करें.

राष्ट्रीय सहारा ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उस बयान को सुर्ख़ी बनाई है जिसमें उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन की अपनी इच्छा के संकेत दिए हैं.

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अख़बार अखिलेश यादव के बयान का हवाला देते हुए लिखता है, ''कांग्रेस-एसपी साथ चुनाव लड़ें तो 300 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी.''

इसके अलावा पश्चिम बंगाल में टोल प्लाज़ा पर सेना की तैनाती से जुड़ी ख़बरें भी अख़बारों में छाईं रहीं.

हिंदुस्तान एक्सप्रेस ने सुर्ख़ी लगाई है, ''संसद में घमासान.'' जदीद ख़बर ने लिखा है, ''बंगाल टोल प्लाज़ा पर फ़ौज की मौजूदगी पर सियासी तूफ़ान.''

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