'ईरान के लिए जासूसी' सऊदी अरब में 15 को मौत

ईरानी प्रदर्शनकारी

इमेज स्रोत, AFP

इमेज कैप्शन,

साऊदी अरब और ईरान के बीच पिछले साल तनाव बढ़ गया था

सऊदी अरब की अदालत ने ईरान के लिए जासूसी के आरोप में 15 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई है और कई लोगों को जेल भेज दिया है.

सज़ा पाने वाले 32 लोगों में से 30 सऊदी अरब के अल्पसंख्यक शिया समुदाय से हैं, एक ईरानी मूल का नागरिक और दूसरा अफ़ग़ानिस्तान का है.

इन लोगों को तीन साल पहले हिरासत में लिया गया था और मामले की सुनवाई इस साल फ़रवरी में शुरू हुई थी.

इन लोगों पर सऊदी के आर्थिक हितों को नुक़सान पहुंचाने और जातिय संघर्ष भड़काने के लिए जासूसी घेरा तैयार करने के आरोप हैं.

हालांकि हिरासत में लिए गए दो लोग बेगुनाह साबित हुए.

इमेज स्रोत, AFP

इमेज कैप्शन,

जनवरी में ईरान ने साऊदी अरब में शिया मौलवी को दी गई मौत की सज़ा की निंदा की थी

सऊदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ज़्यादातर संदिग्ध सऊदी सेना के सदस्य थे. जिनपर ईरान को सऊदी अरब की सैन्य संबंधी जानकारी देने के आरोप लगे थे.

सुन्नी मुस्लिम बहुल सऊदी अरब और शिया मुस्लिम बहुल देश ईरान के बीच तनाव पिछले साल बढ़ा था.

सऊदी अरब ने जनवरी में ईरान से अपने कूटनीतिक रिश्ते तब तोड़ दिए थे जब तेहरान में सऊदी अरब के दूतावास पर प्रदर्शनकारियो ने हंगामा किया था.

ये प्रदर्शनकारी सऊदी अरब में शिया मौलवी शेख़ निम्र अल-निम्र के के अलावा तीन और मौलवियों को मौत की सज़ा देने पर नाराज़ थे.

सऊदी अधिकारियों ने बताया कि निम्र चरमपंथ से जुड़े अपराध में दोषी पाए गए थे लेकिन ईरान की बड़े नेता का कहना था कि उन्हें सिर्फ सुन्नी राष्ट्र की आलोचना करने के लिए मौत की सज़ा दी गई.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)