पाकिस्तान में मदरसों पर 'जियो टैगिंग' से रखी जाएगी नज़र

मदरसों पर पैनी नज़र

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पाकिस्तानी पंजाब की सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट को सूचित किया है कि हुकूमत ने मदरसों की जियो टैगिंग पूरी कर ली है और उनके वित्तीय संसाधनों की कड़ी निगरानी की जा रही है.

जियो टैगिंग में जीपीएस और जीआईएस (ग्लोबल इंफोरमेशन सिस्टम) एप्लीकेशन वग़ैरह के ज़रिए, तयशुदा स्थानों का डिजिटल मैप तैयार किया जाता है. जिसमें लांगीच्यूड और लैटीच्यूड के आधार पर लोकेशन पता लगा लिया जाता है.

प्रांतीय गृह विभाग के अनुसार मदरसों के सुधार के लिए भी सुझाव लंबित हैं.

यह बात पंजाब सरकार ने राष्ट्रीय कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए लंबित आवेदन के जवाब में दी है.

नेशनल एक्शन प्लान जनवरी 2015 में आतंकवाद और उत्तरी पश्चमी पाकिस्तान में जारी सैन्य कार्रवाईयों के मद्देनज़र तैयार किया गया था.

सरकार ने मदरसों जियो टैगिंग प्रक्रिया पूर्ण कर लिया है

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पंजाब सरकार के प्रांतीय गृह विभाग ने लाहौर हाईकोर्ट के सामने अपने जवाब में इन आरोपों की ज़ोरदार खंडन किया है कि पंजाब में नेशनल एक्शन प्लान को लागू नहीं किया जा रहा है.

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गृह विभाग ने लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए ना केवल नए नियम बनाए गए बल्कि कई क़ानूनों में सुधार लाने के लिए उनमें संशोधन भी किया गया.

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इस जवाब में बताया गया कि नए नियमों के तहत कई मामलें अदालतों में लंबित हैं और अभियुक्तों को सज़ा भी सुनाई गई है.

लाहौर हाईकोर्ट, स्थानीय वकील अज़हर सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि पंजाब में राज्य सरकार राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने में विफल है और योजना में उसकी मूल भावना के अनुसार लागू नहीं किया जा रहा.

गृह विभाग ने यह भी बताया कि प्रतिबंधित संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ आतंकवाद और कानून प्रवर्तन एजेंसी प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं.

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