नेपाली लोगों के पास जो पैसा है, उसका क्या होगा?
- संजय ढकाल
- बीबीसी संवाददाता, नेपाली सेवा

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नोटबंदी का असर भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल में भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि भारतीय नोटों का चलन नेपाल में भी होता रहा है.
ऐसे में नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) ने नेपाली जनता की चिंताओं को भारतीय अधिकारियों से बताया. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक से कथित तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने से नेपाल का राष्ट्रीय बैंक काफ़ी चिंतित है.
अब नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) अपने प्रतिनिधियों को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों से बातचीत के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है.
नेपाल राष्ट्र बैंक के अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक से लगातार मौखिक और लिखित बातचीत के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
‘पैसा सिर्फ़ देखने के लिए रह गया है’
भारत और नेपाल, दोनों देशों के बीच इस बात पर अनुबंध है कि नेपाली नागरिक 500 और 1000 के नोटों में 25 हज़ार रूपये तक अपने पास रख सकते हैं. नेपाल के बैंक अधिकारियों के मुताबिक भारतीय बैंक को नेपाली नागरिकों के पास एकत्रित नोटों के बदलने की व्यवस्था करनी चाहिए.
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने नोटबंदी के नेपाली जनता पर प्रभाव के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की है. इतना ही नहीं, दोनों देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर की भी बातचीत हुई है.
नेपाल राष्ट्रबैंक के डिप्टी गर्वनर चिंतामनी शिवाकोति ने बीबीसी से बताया, हमें ये सकारात्मक भरोसा मिला है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसलिए वित्त मंत्रालय ने एनआरबी के डिप्टी गवर्नर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल भेजने का फ़ैसला लिया है, ताकि इस समस्या का हल निकल सके.
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2014 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ जिसके बाद नेपाली नागरिकों को 500 और 1000 रुपये के नोटों में 25 हज़ार रुपये तक रखने की अनुमति दी गई. इससे पहले नेपाल में ये दोनों नोट नहीं चलते थे.
नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) ने इन नोटों को बदलने के लिए एक व्यवस्था भी बताई है. इसके मुताबिक एक घोषणापत्र पर लोगों को ये बताना होगा कि वे कितनी राशि के कितने नोट जमा कर रहे हैं और उसे अपने बैंक खाते में जमा करा लें.
भारत में जिन नोटों का चलन बंद किया गया है, उसकी संख्या नेपाली बैंकिंग व्यवस्था में बहुत ज्यादा नहीं है. मोटे अनुमान के मुताबिक ऐसे नोट करीब तीन करोड़ रुपये के होंगे. हालांकि नेपाली लोगों के पास इससे कहीं ज्यादा 500 और 1000 रूपये के नोट होंगे.
ख़ासकर सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों के पास कहीं ज्यादा नोट होंगे. अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ अरब रूपये तक के नोट नेपाली लोगों के पास होंगे.
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फेडरेशन ऑफ़ नेपाली चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नेपाली सरकार से अपील की है कि वे इस मामले का जल्द से जल्द हल निकालें, क्योंकि इससे इसका असर नेपाल के बड़े कारोबारियों पर पड़ रहा है.
हज़ारों नेपाली भारत में रहते हैं और काम करते हैं. दोनों देशों के बीच सीमा पर भी बड़े पैमाने पर कारोबार होता है. दोनों देशों के बीच खुली सीमा होने के चलते भारतीय मुद्रा में बड़े पैमाने पर कारोबार होता है, इन सब पर नोटबंदी का असर पड़ा है.
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