पाकिस्तान में बॉलीवुड के बिना पेट पर लात पड़ने जैसी नौबत
- हसन काज़मी
- बीबीसी उर्दू संवाददाता, कराची
पाकिस्तान में भारतीय फ़िल्मों पर लगी रोक हटा ली गई है.
इस साल 30 सितंबर को पाकिस्तानी सिनेमा हॉल के मालिकों ने बॉलीवुड की फ़िल्में न दिखाने का फ़ैसला किया था.
ख़ासे वित्तीय नुकसान वाले साबित हुए इस फ़ैसले को अब वापस लिया गया है और बॉलीवुड फ़िल्में पाकिस्तान में फिर दिखाई जाएगी.
पाकिस्तान के सबसे बड़े सिनेमा नेटवर्क सनी पैक्स के महाप्रबंधक मोहसिन यासीन कहते हैं, "पाकिस्तान में भारतीय फ़िल्मों की फिर से नुमाइश करने का फ़ैसला पूरी तरह से कारोबारी फ़ैसला है और इसे किसी दूसरे नज़रिए से नहीं देखना चाहिए."

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उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इस सिलसिले में उनकी भारतीय फ़िल्म प्रोड्यूसर और वितरकों से बातचीत हुई है और वे लोग भी चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव घटे.
हाल ही में भारत में शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म रईस का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है जिसमें पाकिस्तानी अदाकार माहिरा ख़ान के सीन को हटाया नहीं गया है.
मोहसिन यासीन के मुताबिक ये भारतीयों की तरफ़ से उठाया गया बहुत ही सकारात्मक क़दम है.
मोहसिन यासीन ने स्पष्ट किया कि भारतीय फ़िल्मों पर पाबंदी लगाते समय भी यही कहा गया था कि ये रोक अस्थायी और जब हालात बेहतर होंगे तो पाबंदी हटा ली जाएगी.

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उनके अनुसार पाबंदी के दौरान पाकिस्तानी सिनेमा के साथ साथ पाकिस्तानी फ़िल्मों को भी आर्थिक तौर पर काफ़ी नुकसान हुआ है.
पिछले दस सप्ताह के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान किसी पाकिस्तानी फ़िल्म ने कोई ख़ास बिज़नेस नहीं किया है.
ऐसा इसलिए क्योंकि सिनेमा हॉलों तक पहुंचने वालों की संख्या में 60-70 फ़ीसदी कमी हो गई.
मोहसिन यासीन ने कहा, "फ़िल्म 'अब्दुल्ला' ने केवल बीस लाख पाकिस्तानी रुपये कमाए जबकि 'लाहौर से आगे' ने साढ़े छह करोड़ पाकिस्तानी रूपये की कमाई की. उसी तरह फ़िल्म 'दोबारा फिर से' सात करोड़ पाकिस्तानी रूपये ही कमा सकी."

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माहिरा ख़ान
1970 के बाद ये पहला मौका है जब एक ही साल में 20 पाकिस्तानी फ़िल्में प्रदर्शित की गई हैं.
मोहसिन यासीन ने कहा, "भारतीय फ़िल्मों पर लगी पाबंदी के दौरान मल्टीप्लेक्स थिएटर की 40 प्रतिशत स्क्रीन बंद करनी पड़ीं. वहीं फ़िल्मों के शो 33 प्रतिशत कम करने पड़े."
इसका असर ये हुआ कि पाकिस्तानी सिनेमाघरों को हर महीने 60 करोड़ पाकिस्तानी रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुछ सिनेमा घरों की हालत ये है कि वे अपने यहां का बिजली का खर्चा भी नहीं उठा पा रहे हैं.
पिछले महीने सिनेमा घरों में काम करने वाले करीब 1700 लोगों को नौकरी से निकाला गया है.

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पाकिस्तानी फ़िल्मी अभिनेता फ़वाद ख़ान, भारतीय अभिनेत्री सोनम कपूर के साथ.
याद रहे कि भारत में उड़ी के हमले के बाद बॉलीवुड फ़िल्म प्रोड्यूसरों ने दबाव के चलते पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर आपत्ति जताई थी.
इसके जवाब में पाकिस्तान में भी भारतीय फ़िल्मों के प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी गई थी.
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