तुर्की में रूसी राजदूत की हत्या क्यों हुई?

  • जेरमी बोवन
  • बीबीसी संवाददाता
एंड्रे कार्लोफ़

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तुर्की में रूस के राजदूत आंद्रे कार्लोफ़ की हत्या के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर इस हत्या की वजहें क्या हो सकती हैं.

अंकारा में राजदूत एक आर्ट गैलेरी में एक प्रदर्शनी में भाषण देने के लिए उठे ही थे कि उन पर 22 साल के मेवलुत मेर्त एडिन्टास ने गोली चलाई. बताया गया है कि हमलावर एक पुलिस अधिकारी हैं.

सीरिया में चल रहे गृह युद्ध में रूस ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद का साथ दिया है. इस तरह रूस सीरियाई विद्रोहियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी कर रहा है. इससे तुर्की में एक बड़ा तबका नाराज़ है और अपमानित महसूस कर रहा है.

रूस के इस समर्थन को लेकर तुर्की में हाल ही में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं. लेकिन ये हो सकता है कि हमलावर ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया हो. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वो उस तबके का हिस्सा है जो रूस की सीरिया में हो रही कार्रवाई से नाराज़ है.

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रूस के राजदूत आंद्रे कार्लोफ़ पर गोली चलाने वाले मेवलुत मेर्त एडिन्टास

इससे पहले पिछले साल तुर्की ने रूस के एक लड़ाकू विमान को अपने हवाई क्षेत्र में गिराया था. तुर्की ने इस युद्ध विमान के अपने हवाई क्षेत्र में आने को अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बताया था.

हालांकि इसके बाद से तुर्की और रूस ने आपस में किसी भी टकराव से बचने की कोशिश की थी और आपसी रिश्ते सामान्य बनाने के लिए प्रयासरत थे.

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तुर्की ने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने पर रूस के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था

लेकिन अब रूसी राजदूत आंद्रे कार्लोफ़ की हत्या के बाद शायद ही यह कोशिश कामयाब हो.

सीरिया को समर्थन देने के बाद से रूस के साथ तुर्की के रिश्तों में तल्खी आनी शुरू हो गई थी.

सीरिया में तुर्की राष्ट्रपति बशर-अल-असद के ख़िलाफ़ लड़ रहे विद्रोहियों का साथ दे रहा है.

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राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आंद्रे कार्लोफ़

आंद्रे कार्लोफ़ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मध्य-पूर्व के दौरे के समय हमेशा साथ रहते थे.

पिछले कुछ सालों से रूस मध्य-पूर्व के क्षेत्र में एक बार फिर से प्रभावी होने की कोशिश में लगा हुआ है. इन कोशिशों में मारे गए रूसी राजदूत आंद्रे कार्लोफ़ की अब तक अहम भूमिका रही थी.

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इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में रूसी दुतावास के बाहर विरोध-प्रदर्शन

सीरियाई गृह युद्ध में अब तक आधी से ज्यादा सीरियाई आबादी विस्थापित हो चुकी है. बाहरी ताकतें लगातार सीरिया के इस गृह युद्ध में अपना दखल बनाए हुए हैं.

सीरिया में सक्रिय बाहरी ताकतें सीरिया में हालात सुधारने की बजाए आपसी तकरार में ही उलझी हुई हैं जिनमें से रूस और तुर्की प्रमुख हैं.

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