वो लड़की जिसे अपनी दाढ़ी पर गर्व है

ब्रिटेन में रहने वाली हरनाम कौर का नाम पूरी दाढ़ी वाली सबसे कम उम्र की महिला के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.
जब हरनाम कौर 16 साल की थीं तब पता चला की उन्हें पॉलिसिस्टिक सिंड्रोम है जिसकी वजह से बालों का अतिरिक्त विकास होने लगता है.
शरीर और चेहरे पर अतिरिक्त बालों की वजह से अपने स्कूल में वो अक्सर दुर्व्यवहार का शिकार होती थीं. कई बार तो उन्होंने परेशान होकर ख़ुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
लेकिन अब वो दुनिया भर में बॉडी पॉज़िटिविटी यानी 'शरीर को लेकर सकारात्मकता' का संदेश फैला रही हैं.
पिछले कई सालों से वो चेहरे के बालों को नहीं हटवा रही हैं.
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
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हरनाम ने बीबीसी के रेडियो 5 के 5 लाइव डेली कार्यक्रम में कहा ,''कई सालों तक मेरे साथ दुर्व्यवहार होता रहा, मैंने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, ख़ुदकुशी की भी कोशिश की. चीज़ें इतनी ख़राब हो गईं थी कि मुझे लगने लगा कि मैं ख़ुद को मार दूं. फिर मैंने सोचा कि अगर दुर्व्यवहार करने वाले जी रहे हैं तो फिर मैं क्यों नहीं? ये वो समय था जब मैंने कहा कि अपनी ज़िंदगी की कमान अपने हाथ में लूं और वैसे जीना शुरू किया जैसे मैं चाहती हूं."
इस फ़ैसले से क्या उनकी शारीरिक दिक्कतें भी कम हुईं, इस पर वो कहती हैं, '' वैक्सिंग से त्वचा कटती है, खिंचती है. मेरी त्वचा कई बार जल गई, घाव हुए. तो इसे (दाढ़ी) बढ़ाना वास्तव में एक राहत थी.''
16 साली की उम्र में सामाजिक मानकों से हटकर दाढ़ी रखने का फ़ैसला हरनाम के लिए काफ़ी कठिन था.
वो कहती हैं , ''दाढ़ी के साथ स्कूल जाने का अनुभव बहुत दुखद था. लेकिन मुझे पता था कि अगर ज़िंदगी में कुछ करना चाहते हैं और खुश रहना चाहते हैं तो आपको मज़बूत रहना होगा. मुश्किल तो काफ़ी हुई लेकिन अपनी राह पकड़कर चलते रहना पड़ता है.''
पुरुषों की मर्दानगी की पहचान मानी जाने वाली दाढ़ी को महिला की पहचान देकर हरनाम काफ़ी खुश हैं.
वो कहती हैं, ''मुझे अपनी दाढ़ी से बहुत प्यार है. मैंने अपनी दाढ़ी को एक शख्सियत दी है. वो पुरुष की नहीं महिला की दाढ़ी है. ''
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