बिल्डर ट्रंप के सामने देश बनाने की चुनौती
- ब्रजेश उपाध्याय
- बीबीसी संवाददाता, वॉशिंगटन

पूरी ज़िंदगी आलीशान इमारतें बनाने के बाद अब डोनल्ड ट्रंप अमरीका को फिर से महान बनाने की अपनी मुहिम की शुरुआत करने गुरुवार को वॉशिंगटन पहुंच गए है.
उनका पहला पड़ाव था अपनी आने वाली कैबिनेट के सदस्यों और कांग्रेस के कुछ दिग्गजों के साथ लंच.
इस मौके पर पहले तो उन्होंने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप और फिर अपनी कैबिनेट की तारीफ़ों के पुल बांधे.
लेकिन कैंडिडेट ट्रंप से कमांडर इन चीफ़ ट्रंप बनने की ज़िम्मेदारी का पहला एहसास शायद उन्हें आर्लिंगटन सेमेटरी में हुआ होगा.
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आर्लिंगटन सेमेटरी में नए उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ डोनल्ट ट्रंप
यहां दुनिया भर की जंगों में मारे गए अमरीकी फौजी दफ़न हैं. उन्होंने यहां गुमनाम फ़ौजी की कब्रों पर फूल चढ़ाए.
फ़िलहाल उनके चाहने वालों के लिए ये जश्न मनाने का वक्त है.
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लिंकन मेमोरियल में आतिशबाजी
डोनल्ड ट्रंप की पार्टी का आगाज़ शाम को लिंकन मेमोरियल पर दो घंटे तक चलनेवाले नाच-गाने और आतिशबाज़ी के साथ हुआ.
इस तरह की पार्टियां तो कई दिनों तक जारी रहने वाली हैं.
लेकिन एक तरफ़ पार्टी तो दूसरी तरफ़ प्रोटेस्ट्स भी हो रहे हैं. ज़्यादातर नामी गिरामी हस्तियों ने उनके जश्न में शामिल होने से इंकार कर दिया.
शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस है. तीस से ज़्यादा गुटों को शहर में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मिली है.
माइक पेंस के घर के बाहर समलैंगिकों का विरोध प्रदर्शन
उप-राष्ट्रपति की कमान संभालने को तैयार हो रहे माइक पेंस के घर के बाहर समलैंगिकों ने विरोध प्रदर्शन किया.
शहर के दूसरे कोने में अपनी बेबाक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों के लिए मशहूर माइकल मूर रैली कर रहे हैं.
ट्रंप के चाहनेवालों का कहना है कि इन लोगों को ट्रंप को काम करने का मौका देना चाहिए.
एक का कहना था, "दुनिया देखेगी जब ट्रंप रॉनल्ड रेगन को भी पीछे छोड़ देंगे."
टेक्सस से आई एक महिला का कहना था, "मैं प्रार्थना करुंगी कि वो कामयाब हों."
लेकिन उससे कुछ ही दूरी पर एक पोस्टर में डोनल्ड ट्रंप अमरीकी लोकतंत्र की प्रतीक स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी की तस्वीर की छाती में छुरा घोंपते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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गायिका मेडोना ने ट्रंप की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में चाकू घोंपते हुए तस्वीर शेयर की है.
आठ साल पहले मैंने ओबामा के स्वागत की तैयारी करते हुए वॉशिंगटन को देखा था जब पूरा शहर उम्मीद और बदलाव की बातें कर रहा था.
ट्रंप ने भी बहुत लोगों की उम्मीदें जगाई हैं, नौकरियां वापस लाने की बात की है, अमरीका को फिर से महान बनाने की बातें की हैं, आतंकवाद से छुटकारा दिलाने की बात की है.
लेकिन चुनाव अभियान के दौरान अल्पसंख्यकों, महिलाओं और आप्रवासियों के ख़िलाफ़ उनके बयानों को एक बड़ा तबका भुला नहीं पा रहा है.
जानकार कह रहे हैं कि देश को एकजुट करने का दारोमदार तो अब ट्रंप पर है. शुक्रवार को अपने भाषण में वो क्या पैगाम देते हैं उस पर सबकी नज़र होगी.
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व्हाइट हाउस के बाहर ट्रकों में ओबामा का सामान लादा जा रहा है.
शुक्रवार की सुबह ओबामा ने व्हाइट हाउस के बिस्तर पर आंखें खोली हैं. रात को वहां डोनल्ड ट्रंप सोएंगे, अमरीका को एक बिल्कुल ही अलग ख़्वाब दिखाने के वायदे के साथ.